- योग का शाब्दिक अर्थ है जोड़, अर्थात् वह अवस्था जो आत्मा से परमात्मा का मेल करवाए।
- सुखासन और वज्रासन दो आसन हैं, जिसका अभ्यास रात को खाने के बाद किया जा सकता है।
- यह पाचनतंत्र को दुरुस्त रखने के साथ रोग प्रतिरोधक क्षमता को बनाता है मजबूत।
Yoga for healthy good digestive system : योग का शाब्दिक अर्थ है जोड, अर्थात् वह अवस्था जो आत्मा से परमात्मा का मेल करवाए। भारत में योगाभ्यास की परंपरा तकरीबन 5000 वर्ष पुरानी है। योग शरीर और आत्मा के बीच सामंजस्य का अद्भुत विज्ञान माना जाता है। योग पाचनतंत्र को दुरुस्त रखने के साथ खाना पचाने में भी मदद करता है। आयुर्वेद के अनुसार सोने से 3 घंटे पहले रात का भोजन करना चाहिए। यह तेजी से वजन कम करने के साथ आपको फिट रखने में भी मदद करता है। सोने से ठीक पहले भोजन करना कई कारणों से अच्छा नहीं होता।
सुखासन और वज्रासन दो आसन हैं, जिनका अभ्यास आप रात को खाने के बाद कर सकते हैं। सुखासन योग विज्ञान के सबसे सरल आसनों में से एक है। पाचनतंत्र को दुरुस्त रखने के साथ रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाता है। तथा तनाव को कम कर एकाग्रता में वृद्धि करता है और मांसपेशियों को मजबूत बनाता है। ऐसे में इस लेख के माध्यम से आइए जानते हैं सुखासन और वज्रासन करने की मुद्रा और इसके फायदे।
सुखासन
सुखासन एक संस्कृत शब्द है, जो दो शब्दों से मिलकर बना है सुख और आसन। इस आसन को नियमित रूप से करने से सुख और शांति मिलती है। यह पाचनतंत्र को दुरुस्त रखने के साथ रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाता है। रात को खाने के बाद सुखासन करने से भोजन आसानी से पच जाता है। इसके लिए सबसे पहले फर्श पर मैट बिछाकर पालथी मारकर बैठ जाएं। इसके बाद दोनों हाथों को ओम की अवस्था में घुटनों पर रखें। ध्यान रहे इस दौरान आपकी रीढ़ की हड्डी बिल्कुल सीधी होनी चाहिए। तथा आंखे बंद करके रखें और शरीर को बिल्कुल ढ़ीला छोड़ दें। खाने के बाद रोजाना इस मुद्रा को कम से कम 10 मिनट तक करें।
ध्यान दें
ध्यान रहे जिन लोगों को घुटने या रीढ़ में दर्द की समस्या है वो इस आसन को करने से बचें। इस आसन को हमेशा खाली पेट या शांत जगह पर बैठकर करना चाहिए।
वज्रासन
वज्रासन सबसे आसान योगासन में से एक है। इस आसन को करना जितना आसान है इसके फायदे उतने ही अधिक होते हैं। खासकर युवाओं और बच्चो के लिए वज्रासन और भी अधिक फायदेमंद है। यह पाचनतंत्र को दुरुस्त रखने के साथ पेट संबंधी समस्याओं से निजात दिलाता है। साथ ही बच्चों के शारीरिक विकास में भी मदद करता है।
इसके लिए सबसे पहले अपने दोनों पैरों को मोड़ते हुए घुटने के बल बैठ जाएं। कमर, पीठ और कंधे को सीधे रखते हुए मुंह को सामने की ओर रखें। तथा आंखे बंद कर मन को शांत रखने की कोशिश करें और गहरी सांस लें। बता दें वज्रासन एकमात्र आसनो में से एक है जिसे खाने के बाद किया जा सकता है।