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3 कृषि कानून रद्द, आज हो रही संयुक्त किसान मोर्चा की कोर कमेटी की बैठक, आंदोलन के भविष्य पर हो सकता है फैसला

Updated Nov 20, 2021 | 12:13 IST

Sanyukt Kisan Morcha: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 3 कृषि कानूनों को रद्द करने की घोषणा की है। इसी फैसले के मद्देनजर आज संयुक्त किसान मोर्चा की कोर कमेटी की बैठक जारी है।

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किसान आंदोलन
मुख्य बातें
  • आज हो रही SKM की अहम बैठक
  • बैठक में 32 किसान संगठन होंगे शामिल
  • 26 नवंबर को आंदोलन को 1 साल पूरा होगा

SKM Meeting: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 3 कृषि कानूनों को रद्द किए जाने की घोषणा के एक दिन बाद आज संयुक्त किसान मोर्चा की अहम बैठक हो रही है। 26 नवंबर को किसान आंदोलन के एक साल पूरे हो रहे हैं, इस मौके पर दिल्ली के बॉर्डर में किसानों को जामवाड़ बढ़ता जा रहा है। वहीं किसान नेता राकेश टिकैत का कहना है कि संसद में किसान कानून के रद्द होने तक उनका प्रदर्शन जारी रहेगा। 

शुक्रवार को मोदी सरकार के कृषि कानूनों को निरस्त करने की घोषणा पर संयुक्त किसान मोर्चा ने बयान जारी कर कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जून 2020 में पहली बार अध्यादेश के रूप में लाए गए तीनों किसान विरोधी, कॉर्पोरेट समर्थक काले कानूनों को निरस्त करने के भारत सरकार के फैसले की घोषणा की है। उन्होंने गुरु नानक जयंती पर इसकी घोषणा करना चुना। संयुक्त किसान मोर्चा इस निर्णय का स्वागत करता है और उचित संसदीय प्रक्रियाओं के माध्यम से घोषणा के प्रभावी होने की प्रतीक्षा करेगा। अगर ऐसा होता है, तो यह भारत में एक साल के किसान संघर्ष की ऐतिहासिक जीत होगी। 

ऐसी है किसानों की राय
 
बयान में आगे लिखा कि हालांकि इस संघर्ष में करीब 700 किसान शहीद हुए हैं। लखीमपुर खीरी हत्याकांड समेत इन टाली जा सकने वाली मौतों के लिए केंद्र सरकार की जिद जिम्मेदार है। एसकेएम ने प्रधानमंत्री को यह भी याद दिलाया कि किसानों का आंदोलन न केवल तीन काले कानूनों को निरस्त करने के लिए है, बल्कि सभी कृषि उत्पादों और सभी किसानों के लिए लाभकारी मूल्य की वैधानिक गारंटी के लिए भी है। किसानों की यह अहम मांग अभी बाकी है। इसी तरह बिजली संशोधन विधेयक को भी वापस लिया जाए। एसकेएम सभी घटनाक्रमों पर ध्यान देगा, जल्द ही अपनी बैठक करेगा और आगे के फैसलों की घोषणा करेगा।

वहीं गाजीपुर बॉर्डर पर मौजूद किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि MSP भी एक बड़ा सवाल है, उस पर भी कानून बन जाए, क्योंकि किसान जो फसल बेचता है उसे वह कम कीमत पर बेचता है, जिससे बड़ा नुकसान होता है। अभी बातचीत करेंगे, यहां से कैसे जाएंगे। अभी बहुत से कानून सदन में है, उन्हें फिर ये लागू करेंगे। उस पर हम बातचीत करना चाहते हैं। आज संयुक्त किसान मोर्चा की मीटिंग है। जो भी उसमें निर्णय लिया जाएगा उसके बाद ही हम कोई बयान देंगे। 

किसान नेता दर्शन पाल सिंह ने कहा कि हम प्रधानमंत्री के निर्णय का स्वागत करते हैं लेकिन इसका श्रेय किसान संगठन, किसान आंदोलन और संयुक्त किसान मोर्चा को जाता है। मैं किसानों को बधाई देता हूं। हमारा संघर्ष जारी रहेगा। हम संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक बुलाएंगे उसमें फैसला लेंगे। ऑल इंडिया किसान सभा के महासचिव हन्नान मौला ने कहा कि मैं इस घोषणा का स्वागत करता हूं। जब तक सदन से इस घोषणा पर कार्यवाही नहीं होती है तब तक यह कोशिश संपूर्ण नहीं होगी। इससे हमारे किसानों की समस्या हल नहीं होगी। MSP के लिए हमारा आंदोलन जारी है और जारी रहेगा। 26 नवंबर को किसान आंदोलन को एक साल होगा उस दिन पूरे देश में लाखों किसान रास्तों पर उतरेंगे। अभी आधी मांग पूरी हुई है। जब तक MSP एक्ट पास नहीं होगा, किसानों को कोई फायदा नहीं होगा। इसके लिए हमारा आंदोलन जारी रहेगा। 

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