- किसान नेता का दोहरा चरित्र उजागर ! किसान के नाम पर राजनीति की फैक्ट्री ?
- किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी का वीडियो आया सामने
- गुरनाम सिंह चढ़ूनी हैं संयुक्त किसान मोर्चा के किसान नेता
नई दिल्ली: किसान आंदोलन को 26 नवंबर को पूरा एक साल होने जा रहा है। तीन कृषि कानूनों के नाम पर ये आंदोलन चल रहा है लेकिन इस आंदोलन के नाम पर किसानों के साथ धोखा किया जा रहा है। आज हम उन किसान नेताओं के चरित्र को उजागर करेंगे जो किसानों के कंधे पर बंदूक रखकर अपनी सियासत चमका रहे हैं। किस तरीके से किसानों का इस्तेमाल अपने सियासी फायदे के लिए किया जा रहा है ये आप आज देखेंगे।
खुद को किसानों का मसीहा कहने वाले किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी खुले कैमरे पर किसान हित की बात करते हैं। राजनीति से दूर रहने की बात करते हैं लेकिन छिपे कैमरे पर इनका चरित्र साफ दिखता है। इनकी मंशा साफ दिखाई दे रही है। इनका मकसद चुनाव में जाना है और पार्टी खड़ी करना है। छिपे कैमरे पर चढ़ूनी कबूल कर रहे हैं कि वो पार्टी बनाएंगे और चुनाव लड़ेंगे। वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि इनकी मंशा साफ साफ उजागर होती है कि किसान आंदोलन के नाम पर कैसा सियासी खेल चल रहा है ऐसे में सवाल है।
चढ़ूनी की खुली पोल
ऑन कैमरा जब चढ़ूनी से जब सवाल पूछा गया- एक अफवाह फैल रही है कि गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने खुद पंजाब से चुनाव लड़ने का फैसला किया है ?
गुरनाम सिंह चढ़ूनी - नहीं मैंने चुनाव लड़ने का कोई फैसला नहीं किया है. किसने बकवास किया ।
सवाल -तो उनको क्या कुछ जवाब देना चाहोगे ?
गुरनाम सिंह चढ़ूनी- मैं जवाब देना चाहूंगा। अफवाह फैलाते हैं। बेइमान लोग हैं, कह रहे हैं मैं चुनाव लड़ रहा हूं। मैं चुनाव लड़ ही नहीं रहा पंजाब से। एक बार क्या सौ बार कह लो.।
वहीं जब हिडन कैमरे के सामने चढ़ूनी से रिपोर्टर ने सवाल किया- बाबा जी लड़के बोल रहे थे थोड़ा पॉलिटिकली भी इसको राजनीति में घुस कर साफ किया जाए ?
गुरनाम सिंह चढ़ूनी- बोल रहे थे, बोल रहे थे, हम पार्टी बना रहे हैं, और इसमें भी घुसेंगे, ये %$^&* इनके बाप की है क्या ? ये लूट-लूट के खा गए, कानून बना के लूट-लूट के खा गए. उन्हीं के नाम थोड़े ही लगी हुई है, जिसकी वोट उसका राज होना चाहिए
कौन है चढ़ूनी
गुरनाम सिंह चढ़ूनी संयुक्त किसान मोर्चा के नेता हैं। गुरनाम सिंह चढ़ूनी किसान आंदोलन का एक अहम चेहरा हैं, जो कि भारतीय किसान यूनियन (BKU) की हरियाणा यूनिट के प्रमुख भी हैं। कृषि कानूनों के खिलाफ जब सितंबर 2020 में आंदोलन अपनी जड़ें मजबूत करने में जुटा था, तब गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने ही हरियाणा के पीपली गांव में पहली सभा का आयोजन किया था। गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने हरियाणा में कुरुक्षेत्र का लाडवा से निर्दलीय चुनाव लड़ा था लेकिन वह हार गये थे। उनकी पत्नी बलविंदर कौर ने 2014 में कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट से आप की टिकट पर चुनाव लड़ा था और हार गई।