- अग्निपथ योजना के लाने के बाद से ही पनप गया था विवाद
- देश के विभिन्न हिस्सों में छात्रों ने की थी तोड़फोड़-आगजनी
- स्कीम वापस लेने की मांग पर अड़े हैं विपक्षी दल व छात्र
Agnipath Scheme: सेना भर्ती से जुड़ी अग्निपथ योजना को लेकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेताओं में मंगलवार (19 जुलाई, 2022) अलग-अलग राय देखने को मिली। उत्तर प्रदेश के पीलीभीत से लोकसभा सांसद वरुण गांधी ने स्कीम और उससे जुड़े जाति प्रमाण पत्र के विवाद पर दो टूक सवाल उठाया कि क्या अब जाति देखकर किसी की राष्ट्रभक्ति तय की जाएगी? उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को इस विषय में सोचना चाहिए। वहीं, दूसरी ओर उन्हीं की पार्टी के प्रवक्ता विरोधियों के आरोपों के बीच सफाई देते नजर आए कि सेना में धर्म के आधार पर भर्ती नहीं होती है। विपक्ष सिर्फ इस मसले पर गुमराह कर रहा है।
गांधी ने ट्वीट दोपहर को एक दस्तावेज का स्क्रीनशॉट ट्वीट के साथ शेयर करते हुए लिखा- सेना में किसी भी तरह का कोई आरक्षण नहीं है पर अग्निपथ की भर्तियों में जाति प्रमाण पत्र मांगा जा रहा है। क्या अब हम जाति देख कर किसी की राष्ट्रभक्ति तय करेंगे? सेना की स्थापित परंपराओं को बदलने से हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा पर जो प्रभाव पड़ेगा उसके बारे में सरकार को सोचना चाहिए।
RSS जातिगत आधार पर करेगा छंटनी- तेजस्वी
उधर, राजद नेता तेजस्वी यादव ने यही स्क्रीनशॉट शेयर करते दो ट्वीट किए। पहले में लिखा- जात न पूछो साधु की
लेकिन जात पूछो फौजी की। संघ की बीजेपी सरकार जातिगत जनगणना से दूर भागती है, लेकिन देश सेवा के लिए जान देने वाले अग्निवीर भाइयों से जाति पूछती है। ये जाति इसलिए पूछ रहे हैं, क्योंकि देश का सबसे बड़ा जातिवादी संगठन आरएसएस बाद में जाति के आधार पर अग्निवीरों की छंटनी करेगा।
अगले ट्वीट में वह कहते हैं- आजादी के बाद 75 साल तक सेना में ठेके पर “अग्निपथ” व्यवस्था लागू नहीं थी। सेना में भर्ती होने के बाद 75% सैनिकों की छंटनी नहीं होती थी, पर संघ की कट्टर जातिवादी सरकार अब जाति/धर्म देखकर 75% सैनिकों की छंटनी करेगी।सेना में जब आरक्षण है ही नहीं तो जाति प्रमाणपत्र की क्या जरूरत?
AAP, INC पर BJP ने फोड़ा ठीकरा
उधर, पात्रा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया- किसी प्रकार का शक नहीं है। आप और कांग्रेस जबरन लोगों के मन में शंका पैदा करने के प्रायस कर रही हैं। आप संसद संजय सिंह और अन्य सांसदों ने एक ट्वीट करते हुए आक्षेप लगाया है कि अग्निवीर स्कीम में जाति और धर्म के लिए एक कॉलम है। साथ ही आवेदकों से उनकी जाति और धर्म पूछा जा रहा है।
बकौल बीजेपी प्रवक्ता, "जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल इस ट्वीट में किया गया है और कुछ नेताओं का कहना है कि सेना जातिगत आधार पर भर्ती कर भेदभाव करना चाहती है। मुझे दुख है कि माननीय सदस्य इस बात से अनभिज्ञ हैं। क्या वे हकीकत नहीं जानते हैं? सेना किसी भी कीमत पर धर्म-जाति के आधार पर भर्ती नहीं करती है।" देखें, पात्रा ने और क्या कहाः
इस बीच, सुबह सुप्रीम कोर्ट ने 'अग्निपथ' योजना को चुनौती देने वाली विभिन्न याचिकाओं को दिल्ली हाईकोर्ट में ट्रांसफर कर दिया। कोर्ट ने रजिस्ट्रार जनरल को इन मामलों को कोर्ट को स्थानांतरित करने का निर्देश दिया।