- अगले साल होने वाले यूपी चुनाव को लेकर बयानबाजी हुई तेज
- बसपा महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने उठाए राम मंदिर के भूमि पूजन पर सवाल
- अयोध्या में नहीं हुआ है कोई विकास, राम मंदिर की नींव अभी तक नहीं डली- सतीश मिश्र
नई दिल्ली: अगले साल होने वाले यूपी विधानसभा चुनाव को लेकर घमासान तेज हो गया है। प्रमुख राजनीतिक दलों में आरोप- प्रत्यारोप का दौर जारी है। इसी कड़ी में मायवाती की बहुजन समाज पार्टी ने बीजेपी पर करारा हमला किया है। राम मंदिर निर्माण को लेकर बसपा महासचिव सतीश मिश्रा ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि अयोध्या में कोई भूमि पूजन नहीं हुआ है बल्कि वहां ईंट पूजन हुआ है। उन्होंने अयोध्या में विकास को लेकर भी सरकार पर सवाल उठाए हैं।
ब्राह्मणों के मुद्दे पर योगी सरकार को घेरा
आज तक के कार्यक्रम के दौरान बसपा नेता सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा, 'मैं अयोध्या गया और रामलला के दर्शन किए तो सब को एतराज हो गया, भाजपा विरोध में खड़ी हो गई। सारे लोग मुझसे सवाल करने लगे कि आप यहां पर क्यों आए हैं। क्या ये भगवान राम के ठेकेदार हैं? क्या भगवान राम को इन्होंने अपनी वसीयत समझा है? ब्राह्मण समाज तो वैसे भी बुद्धिजीवी समाज होता है। मिश्रा ने कहा कि योगी सरकार के दौरान 100 से अधिक ऐसे मामले हुए हैं जहां ब्राह्मण समाज के लोगों की हत्याएं हुईं या एनकाउंटर हुए।'
अयोध्या के चंदे का क्या हुआ: मिश्रा
अयोध्या का जिक्र करते हुए सतीश मिश्रा ने कहा, 'अयोध्या को लेकर बड़ी- बड़ी बातें हो रही हैं आप जाइए अयोध्या, देखिए तो अयोध्या में क्या विकास हुआ है। शहर के अंदर चलना मुश्किल हो गया है। अयोध्या का 93 से लेकर अभी तक कोई हिसाब नहीं मिला है कि राम मंदिर के चंदे का क्या हुआ। अभी कोर्ट का निर्णय आने के बाद आपने लोगों को फिर भेज दिया कि जाओ फिर चंदा लेकर आओ, मंदिर बनाना है। फिर 10 हजार करोड़ एकत्र किया।'
अयोध्या में भूमि पूजन हीं ईंट पूजन हुआ है
भूमि पूजन पर सवाल खड़े करते हुए सतीश मिश्रा ने कहा, 'अभी भी अयोध्या में केवल जमीन को समतल किया गया है। पिछले साल केवल ईंट पूजन हुआ था, भूमि पूजन नहीं हुआ था। लोगों को भ्रमित किया था कि हम भूमि पूजन कर रहे हैं। वो भी ऐसे दिन हुआ था जब ब्राह्मणों और संतों ने कहा था कि इस दिन मत करिए क्योंकि यह शुभ नहीं है, लेकिन फिर भी उसे चुना गया। आपने ईंट पूजन किया उसके बाद अभी तो नीवं दिखना तो छोड़िए, नींव पड़ी तक नहीं। अब तो डेढ़ साल हो गए हैं निर्णय आए। इनकी मंदिर बनाने की इच्छा ही नहीं है।'