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Ahmed Patel political career : शानदार रहा अहमद पटेल का राजनीतिक करियर, लेकिन बेटा-बेटी को राजनीति से दूर रखा

Updated Nov 25, 2020 | 10:09 IST

कांग्रेस के सीनियर नेता अहमद पटेल का कोरोना की वजह से निधन हो गया। जानिए उनका राजनीतिक करियर और उनके परिवार के बारे में।

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तस्वीर साभार:&nbspANI
कांग्रेस के सीनियर नेता अहमद पटेल का निधन
मुख्य बातें
  • कांग्रेस के भरोसेमंद नेता अहमद पटेल का 71 साल की उम्र में निधन हो गया
  • वे एक महीने पहले कोरोना वायरस से संक्रमित हुए थे
  • उनका चार दशक का राजनीतिक करियर बेदाग रहा

कांग्रेस के संकटमोचक कहे जाने वाले सीनियर नेता अहमद पटेल का बुधवार (25 नवंबर) तड़के 3.30 बजे गुरुग्राम के एक अस्पताल में निधन हो गया। वह 71 वर्ष के थे और एक महीने पहले कोरोना वायरस से संक्रमित हुए थे। उनके निधन से भारतीय राजनीति को गहरा झटका लगा है, खास करके कांग्रेस पार्टी को। वे पहली बार 1977 में मात्र 26 साल की उम्र में लोकसभा चुनाव जीते थे। उसके बाद से कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और कांग्रेस सबसे भरोसेमंद नेता बने। भारतीय राजनीति में अधिकांश नेताओं ने परिवारवाद को बढ़ावा दिया लेकिन उन्होंने अपने परिवार को राजनीति से दूर रखा। 

सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार रहे अहमद पटेल राजनीतिक करियर बेहद शानदार रहा। वे चार दशक तक कामयाब राजनेता के तौर पर जिंदगी गुजारी। अगर वे चाहते तो अपने संतान को भी राजनीति में कामयाबी दिला सकते है। लेकिन उन्होंने अपने परिवार को इससे दूर ही रखा। उन्हें एक बेटा और एक बेटी है। बेटा फैजल पटेल बिजनेस करता है जबकि उनकी बेटी मुमताज पटेल की शादी के बाद घरेलू जिंदगी बिता रही हैं।

इंदिरा गांधी के करीबी और राजीव गांधी के बेहद खास रहे अहमद पटेल का राजनीतिक करियर

  1. अहमद पटेलका जन्म 21 अगस्त 1949 को गुजरात के भरूच जिले के पिरामण गांव में हुआ था। 
  2. अहमद पटेल 1976 में गुजरात से भरूच में स्थानीय निकाय चुनाव से राजनीतिक करियर की शुरुआत की।  
  3. उन्होंने पहला चुनाव 1977 में भरूच लोकसभा सीट से लड़ा था और 62 हजार 879 वोटों से जीते थे।
  4. पटेल 1980 में   और 1984 में भरूच से ही लोकसभा चुना जीते थे।
  5. अहमद पटेल 3 बार लोकसभा सांसद (1977 से 1989) और 4 बार राज्यसभा सांसद (1993 से 2020 तक) रहे। 
  6. 1977 से 1982 तक युवा कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रहे। 
  7. सितंबर 1983 से दिसंबर 1984 तक कांग्रेस के संयुक्त सचिव रहे।
  8. पटेल 1985 में तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी के संसदीय सचिव बने।
  9. जनवरी 1986 में वे गुजरात कांग्रेस के अध्यक्ष बने थे।
  10. उन्हें कांग्रेस का महासचिव भी बनाया गया था।
  11. पटेल1991 में नरसिम्हा राव प्रधानमंत्री बने तो अहमद पटेल को किनारे कर दिया गया। उन्हों कांग्रेस के सभी पदों से हटा दिया गया।
  12. हालांकि नरसिम्हा राव ने मंत्री पद की पेशकश की थी लेकिन पटेल ने ठुकरा दी थी।
  13. अहमद पटेल गुजरात से लोकसभा चुनाव भी हार गए।
  14. उन्हें सरकारी बंग्ला खाली करने के लिए नोटिस भी मिला था
  15. पटेल 2001 से सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार थे।

पटेल के पुत्र फैजल ने अपने पिता अहमद पटेल के निधन की पुष्टि करते हुए बताया कि उन्होंने ने तड़के करीब तीन बजकर 30 मिनट पर अंतिम श्वांस ली। कोरोना वायरस से संक्रमित पटेल पिछले करीब एक महीने से गुरूग्राम के अस्पताल में भर्ती थे और उनके स्वास्थ्य संबंधी जटिलताएं बढ़ गई थीं।


 

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