- रेजीडेंट डॉक्टर नीट पीजी काउंसिलिंग में देरी को लेकर पिछले कुछ दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं
- हम काउंसिलिंग नहीं कर पा रहे हैं क्योंकि उच्चतम न्यायालय में यह मामला विचाराधीन है: मनसुख मांडविया
- बड़ी संख्या में रेजीडेंट डॉक्टरों ने सफदरजंग अस्पताल के परिसरों में प्रदर्शन किया
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने आज प्रदर्शन कर रहे रेजीडेंट डॉक्टरों के एक प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की और उनसे नीट पीजी काउंसलिंग में देरी को लेकर चल रहा अपना आंदोलन जनहित में रद्द करने का अनुरोध किया। इसके बाद एम्स दिल्ली रेजीडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए) ने घोषणा की है कि उसने कल हड़ताल करने के फैसले को वापस लेने का फैसला किया है। एम्स दिल्ली आरडीए ने एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने रेजीडेंट डॉक्टरों से मुलाकात की और आश्वासन दिया कि नीट पीजी 2021 की काउंसलिंग जल्द से जल्द कराई जाएगी। नीट पीजी 2021 काउंसलिंग जल्द से जल्द कराने का आश्वासन दिया। एम्स दिल्ली आरडीए ने 29 दिसंबर को हड़ताल का फैसला वापस लेने का फैसला किया है। सभी सेवाएं सामान्य रूप से जारी रहेंगी।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने फेडरेशन ऑफ रेजीडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (FORDA) के प्रतिनिधियों के 12 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल के साथ एक आपात बैठक की।
FORDA के अध्यक्ष डॉ. मनीष ने कहा कि हड़ताल अभी भी जारी है। हम आईटीओ में रेजिडेंट डॉक्टरों के कल के विरोध के दौरान पुलिस की बर्बरता के लिए लिखित माफी की मांग करते हैं। मनसुख मांडविया ने कहा कि मैंने सभी रेजिडेंट डॉक्टरों के साथ बैठक की। हम काउंसलिंग नहीं कर पा रहे हैं क्योंकि मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। सुनवाई 6 जनवरी को होगी। मुझे उम्मीद है कि नीट पीजी काउंसलिंग जल्द शुरू होगी।
सोमवार को दिल्ली में रेजिडेंट डॉक्टरों के साथ पुलिस के व्यवहार पर मांडविया ने कहा कि जो हुआ, वो ठीक नहीं हुआ। पुलिस का व्यवहार ठीक नहीं था। मनसुख मांडविया ने पुलिसिया कार्रवाई पर खेद जताया। पुलिस ने पहले धक्का मुक्की की और फिर कुछ को हिरासत में लिया गया।
दिल्ली पुलिस ने दी सफाई
दिल्ली पुलिस की अतिरिक्त आयुक्त, सेंट्रल रेंज, सुमन गोयल ने कहा कि कुछ डॉक्टरों ने कल सुबह करीब साढ़े नौ बजे विरोध करते हुए आईटीओ जंक्शन को जाम कर दिया। वे अपनी मांगों को लेकर सुप्रीम कोर्ट की ओर मार्च करना चाहते थे, लेकिन उन्हें रोक दिया गया। मांगों को लेकर एडीजीपी व डायरेक्टर जनरल हेल्थ सर्विसेज निर्माण भवन पहुंचे, इसके बावजूद आईटीओ जंक्शन जाम रहा। प्रदर्शनकारी डॉक्टर फिर से सुप्रीम कोर्ट की ओर मार्च करना चाहते थे। निवारक उपाय के रूप में, कुछ डॉक्टरों को हिरासत में लिया गया। डॉक्टरों ने गलत व्यवहार और बल प्रयोग का दावा किया, मैं स्पष्ट करना चाहती हूं कि कोई बल/लाठी चार्ज नहीं किया गया था। दिल्ली पुलिस डॉक्टरों का सबसे ज्यादा सम्मान करती है। कुछ पुलिसकर्मी घायल हुए, कुछ पुलिस वाहन भी क्षतिग्रस्त हुए।
रेजीडेंट डॉक्टरों हड़ताल पर क्यों?
नीट पीजी काउंसलिंग में देरी
काउंसलिंग डेट की घोषणा नहीं
काउंसलिंग नहीं होने से एडमिशन रूके
डॉक्टरों पर बढ़ता काम का बोझ
सेकंड ईयर वालों को फर्स्ट ईयर का भी काम
रेजिडेंट डॉक्टरों की ट्रेनिंग प्रभावित
ट्रेनिंग नहीं होने से करियर पर असर
रेजीडेंट डॉक्टरों की काउंसलिंग का मामला पहले से ही सुप्रीम कोर्ट में है। ऐसे में डॉक्टर चाहते हैं कि कोरोना की तीसरी लहर की आहट के बीच पहले काउंसलिंग की प्रक्रिया पूरी हो जाए, क्योंकि कोरोना के मामले जैसे-जैसे बढ़ेंगे तो डॉक्टरों के लिए दिक्कतें फिर से बढ़ने लगेगी।