- दिल्ली-एनसीआर के कई इलाकों में प्रदूषण गंभीर श्रेणी में बना हुआ है
- प्रदूषण को देखते हुए स्कूल 15 नवंबर तक के लिए बंद कर दिए गए हैं
- हवा में पीएम 2.5 और पीएम 10 की मात्रा सामान्य से कई गुना अधिक है
नई दिल्ली : देश की राजधानी दिल्ली और एनसीआर के इलाकों में प्रदूषण की हालत लगातार 'गंभीर' श्रेणी में बनी हुई है। बीते सप्ताह मामूली राहत के बाद मंगलवार को यहां एक बार फिर से प्रदूषण का स्तर बढ़ने लगा, जिसकी वजह से लोगों को स्वास्थ्य संबंधी कई तरह की परेशानियां पेश आ रही हैं। प्रदूषण की गंभीरता को देखते हुए यहां 15 नवंबर तक सभी स्कूल बंद कर दिए गए हैं।
राष्ट्रीय राजधानी में गुरुवार को भी वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 'गंभीर' श्रेणी में बना हुआ है और यहां लगभग हेल्थ इमरजेंसी के हालात बने हुए हैं। हवा में मुख्य प्रदूषक तत्व पीएम 2.5 और पीएम 10 की मात्रा इतने खतरनाक स्तर तक पहुंच गई है कि लोगों को खांसी, आंखों में जलन, सांस व त्वचा से संबंधी परेशानियां बढ़ गई हैं, जबकि पहले से ही अस्थमा और सांस संबंधी अन्य बीमारियों से परेशान मरीजों की हालत बिगड़ सकती है, जिसे देखते हुए उन्हें खास एहतियात बरतने की सलाह दी गई है।
दिल्ली में गुरुवार सुबह भी एक्यूआई का स्तर 472 दर्ज किया गया, जबकि एनसीआर के कई इलाकों में यह 500 के ऊपर पहुंच गया, जो 'बेहद गंभीर' श्रेणी में है। दिल्ली के आईटीओ इलाके में एक्यूआई 474 पर दर्ज किया गया, जो 'गंभीर' श्रेणी का है। वहीं, लोधी रोड इलाके में पीएम 2.5 और पीएम 10 की मात्रा 500 के आसपास दर्ज की गई, जो 'बेहद' गंभीर श्रेणी का है।
प्रदूषण की गंभीरता को देखते हुए दिल्ली-एनसीआर में जहां 14 और 15 नवंबर को स्कूल बंद कर दिए गए हैं, वहीं दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने संकेत दिए हैं कि आवश्यकता पड़ने पर ऑड-ईवन स्कीम की अवधि बढ़ाई जा सकती है, जो शुक्रवार (15 नवंबर) को समाप्त हो रही है। बीते दो सप्ताह में यह दूसरी बार है जब प्रदूषण के कारण स्कूल बंद किए गए हैं। प्रदूषण के शुक्रवार तक 'गंभीर' श्रेणी में बने रहने के आसार हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि तापमान में गिरावट और हवा की रफ्तार भी तेज नहीं होने की वजह से प्रदूषक तत्वों का बिखराव नहीं हो पा रहा है। फिर हरियाणा, पंजाब में पराली जलाने की घटना ने भी इसे बढ़ाया है, जिसका धुआं दिल्ली-एनसीआर में पहुंच रहा है।