- दिल्ली-एनसीआर में लोगों को प्रदूषण से निजात मिलती नहीं दिख रही है
- बीते सप्ताह मामूली राहत के बाद एक बार फिर इसमें बढाेतरी देखी गई है
- यहां पीएम 2.5 और पीएम 10 की मात्रा लागातार गंभीर श्रेणी में बनी हुई है
नई दिल्ली : राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और एनसीआर के इलाकों में प्रदूषण से निजात मिलती नहीं दिख रही है, बल्कि पहले से ही 'गंभीर' श्रेणी में मौजूद प्रदूषण के आज (बुधवार, 13 नवंबर) 'इमरजेंसी' कैटेगरी में पहुंच जाने के आसार हैं। ऐसे में लोगों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है, जबकि पहले से ही बीमार मरीजों की हालत और बिगड़ सकती है। खासकर सांस संबंधी बीमारियों से पीड़ित लोगों को और मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।
वायु गुणवत्ता पर नजर रखने वाली एजेंसी 'सफर' के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का स्तर बुधवार को 'गंभीर+' या 'इमरजेंसी' श्रेणी में पहुंच सकता है। ऐसे में लोगों को ज्यादा से ज्यादा घर में रहने और उन जगहों पर जाने से बचने की सलाह दी गई है, जहां प्रदूषण अधिक हो। दिल्ली-एनसीआर में 14 नवंबर तक प्रदूषण के 'गंभीर' श्रेणी में ही रहने के आसार हैं, जिसे देखते हुए लोगों को एहतियात बरतने की सलाह दी गई है।
दिल्ली-एनसीआर में हवा किस कदर जहरीली बनी हुई है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यहां मुख्य प्रदूषक तत्व पीएम 2.5 और पीएम 10 की मात्रा हवा में सामान्य से कई गुना अधिक दर्ज की गई है और यह पिछले काफी समय से इसी तरह का है। दिल्ली के आरके पुरम इलाके में बुधवार सुबह करीब 9 बजे हवा में पीएम 2.5 की मात्रा 447 दर्ज की गई, जो 'गंभीर' श्रेणी में आता है। इसी तरह पीएम 10 की औसत मात्रा भी 414 दर्ज की गई, जबकि सामान्यत: इन्हें 50 से नीचे ही रहना चाहिए।
दिल्ली में कई जगह धुंध की ऐसी मोटी परत देखी गई कि दूर तक कुछ भी देख पाना मुश्किल था। अफ्रीका एवेन्यू रोड और वसंत विहार इलाके में धुंध के कारण सुबह अंधेरा छाया नजर आ रहा था। दिल्ली ही नहीं, इससे सटे यूपी में ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क में भी वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) गंभीर श्रेणी में 458 पर दर्ज किया गया, जबकि हरियारणा में फरीदाबाद के सेक्टर 16ए में यह 441 दर्ज किया गया, जो गंभीर श्रेणी में आता है।