- भारत-चीन तनाव पर पीएम के आवास पर सर्वदलीय वर्चुअल बैठक
- विपक्ष ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी में भरोसा जताया, एकजुटता का दिया संदेश
- कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी बोलीं-यह बैठक और पहले बुलानी चाहिए थी
नई दिल्ली : गलवान घाटी में हुई हिंसा के बाद सीमा पर उपजे तनाव के मद्देनजर शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवास पर सर्वदलीय वर्चुअल बैठक आयोजित हुई। इस बैठक में सभी राजनीतिक दलों के नेताओं के एकजुटता जाहिर की। पीएम मोदी ने विपक्ष के नेताओं से कहा कि भारत की संप्रभुता सबसे अहमियत रखती है और सुरक्षाबल सीम की रक्षा करने में पूरी तरह सक्षम हैं। पीएम ने भरोसा दिया कि देश की एक इंच भूमि भी किसी के कब्जे में नहीं है और जिन्होंने ने भारत माता की तरफ आंख उठाकर देखने की हिमाकत की वे सबक सीखकर गए हैं। सर्वदलीय बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने चीन के अतिक्रमण को लेकर सरकार से कई सवाल किए। ममता बनर्जी ने कहा कि इस लड़ाई में भारत की जीत होगी।
देश की संप्रभुता की रक्षा हमारे लिए सर्वोपरि-पीएम
पीएम ने कहा-भारत शांति एवं मित्रता चाहता है लेकिन अपनी संप्रभुता की रक्षा हमारे लिए सर्वोपरि है। पहले जो बिना रोक-टोक के आवाजाही करते थे उन्हें अब हमारे जवान रोक रहे हैं और यह कई बार तनाव का कारण बनता है। लेकिन कुछ वर्षों में बुनियादी संरचनाओं में सुधार होने से दुर्गम जगहों पर जवानों तक जरूरी सामग्रियों की पहुंच पहले से बेहतर हो गई है। एलएसी की गतिविधियों के बारे में जानकारी हमें अब पहले मिल जाती है और इसके हिसाब से हम जवाबी कार्रवाई भी बेहतर ढंग से करते हैं।'
'भारत कभी भी बाहरी दबाव में नहीं आया'
प्रधानमंत्री ने कहा, 'भारत कभी भी बाहरी दबाव में नहीं आया है। देश की सुरक्षा के लिए जो भी जरूरी होगा उसे किया जाएगा। हमने अपने सशस्त्र बलों को उचित एवं जरूरी कदम उठाने के लिए पूरी स्वतंत्रता दी हुई है। मैं आपको भरोसा देना चाहता हूं कि सुरक्षा बल हमारी सीमा की रक्षा करने में पूरी तरह सक्षम हैं।'
'जिन्होंने आंख दिखाई, शहीद जवान उन्हें सबक सीखा कर गए'
पीएम ने विपक्ष को जानकारी देते हुए कहा, 'चीन की सेना न तो हमारी सीमा में दाखिल हुई है और न ही उसने हमारे किसी पोस्ट पर कब्जा किया है। लद्दाख में हमारे 20 जवान शहीद हुए लेकिन जिन्होंने भारत माता की तरफ आंख उठाकर देखा था उन्हें वे सबक सिखाकर गए हैं।' रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सर्वदलीय बैठक में कहा कि चीन की घुसपैठ को लेकर सुरक्षा एजेंसियों की तरफ से कोई चूक नहीं हुई है।
हमारे बीच कोई मतभेद नहीं होना चाहिए-नीतीश कुमार
समाचार एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से बताया कि बिहार के मुख्यमंत्री एवं जनता दल-यूनाइटेड के प्रमुख नीतीश कुमार ने कहा कि देश भर में चीन के खिलाफ गुस्सा है। इस मसले पर हम लोगों के बीच कोई मतभेद नहीं होना चाहिए। संकट की इस घड़ी में हम सभी साथ हैं। बीजद के पिनाकी मिश्रा ने कहा, 'चीन का इतिहास धोखा देने का रहा है। एक बार फिर उसने रात के अंधेरे में कायरतापूर्ण कार्रवाई की है। हमारे सैनिक शांति का संदेश लेकर गए थे लेकिन उन्होंने उन पर हमला कर दिया।'
'इस लड़ाई में भारत जीतेगा'
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, 'चीन में लोकतंत्र नहीं है। वहां पर तानाशाही है। वे वही करते हैं जो उन्हें अच्छा लगता है। जबकि हमें मिलकर काम करना होता है। इस लड़ाई में भारत की जीत होगी और चीन हारेगा। हमें एकजुटता से बोलना, सोचना एवं काम करना होगा। हम सरकार के साथ हैं। चीन को दूरसंचार, रेलवे और उड्डयन क्षेत्र में न आने दें। हमें कुछ दिक्कत हो सकती है लेकिन हमें चीन को इन क्षेत्रों में आने की इजाजत नहीं देनी चाहिए।'
सोनिया गांधी ने सरकार से पूछे सवाल
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा, 'देश सरकार से भरोसा चाहता है कि एलएसी पर यथास्थिति बहाल हो। माउंटेन स्ट्राइक कोर का क्या हुआ? इस बारे में विपक्ष के दलों को नियमित रूप से बताया जाना चाहिए। चीन के सैनिक किस दिन भारतीय इलाकों में दाखिल हुए? इस अतिक्रमण के बारे में सरकार को पता कब चला? क्या इस घुसपैठ के बारे में सरकार को सैटेलाइट तस्वीरें नहीं मिली थीं? क्या खुफिया एजेंसियों ने वहां असामान्य गतिविधियों की रिपोर्ट नहीं दी थी?' कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि सर्वदलीय बैठक और पहले बुलानी चाहिए थी। इस समय भी हमें अंधेरे में रखा जा रहा है। कांग्रेस के कुछ सवाल हैं। डीएमके नेता एमके स्टालिन ने कहा, 'राष्ट्रीयता की जब बाती है तो हम सब एक हैं।' स्टालिन ने चीन पर पीएम मोदी के बयान का स्वागत किया।