- भारत औऱ चीन के बीच गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प में घायल हुए थे 76 भारतीय जवान
- 76 में से 58 जवान एक हफ्ते के अंदर ड्यूटी पर लौटेंगे, सभी की हालत सामान्य
- चीन और भारत के बीच हुई हिंसक झड़प में शहीद हुए थे 20 जवान
नई दिल्ली: चीन द्वारा पूर्वी लद्दाख के गलवान घाटी में छिपकर किया गया हमला किस तरह से सुनियोजित था इसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि यहां न केवल 20 सैनिक शहीद हुए बल्कि 76 भारतीय जवान घायल भी हुए। घायल सैनिकों में सभी की हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है और उनका इलाज चल रहा है। इनमें से 18 का इलाज लेह स्थित मिलट्री हॉस्पिटल में चल रहा है और 58 जवान अन्य अस्पतालों में भर्ती हैं। ये 58 जवान अगले हफ्ते तक ड्यूटी पर लौट सकते हैं।
58 जवानों को हल्की चोटें
समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, 'किसी भी जवान की हालत गंभीर नहीं है। 58 जवानों को हल्की चोटें आई हैं और जल्द ही उनके ठीक होने की उम्मीद है।' इससे पहले आर्मी ने उन रिपोर्ट्स को खारिज किया था जिनमें कहा जा रहा था कि गलवान में हुई हिंसा के बाद कुछ भारतीय जवान गायब भी हैं। सोमवार रात हुई इस हिंसक झड़प में एक कमांडिग ऑफिसर सहित 20 जवान शहीद हो गए थे।
मेजर जनरल-स्तरीय वार्ता जारी
तनाव को कम करने के लिए चीन और भारत के बीच मेजर जनरल स्तर की वार्ता लगातार जारी है। गुरुवार को भी भारतीय सेना और चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के अधिकारियों के बीच लगभग छह घंटे तक बैठक हुई। 15-16 जून की रात को पूर्वी लद्दाख में हिंसक झड़प के बाद दोनों पक्षों के बीच तनाव बढ़ने के बाद वार्ता को रद्द कर दिया गया। बुधवार को भी इसी तरह की बातचीत हुई थी लेकिन उसमें भी कोई हल नहीं निकल सका।
पीएम मोदी ने कही थी ये बात
इन सबके बीच पीएम नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि अगर उकसाया गया तो भारत करारा जवाब देगा। मुख्यमंत्रियों के सथ एक बैठक को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत अपनी सीमाओं की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। जबकि बीजिंग ने दावा किया है कि गलवान घाटी क्षेत्र चीन का एक हिस्सा है। वहीं भारत ने चीनी दावों को 'अतिरंजित और अस्थिर' कहा है।