- नागरिकता संशोधन विधेयक लोकसभा से पारित हो गया है, इसके पक्ष में 311 और विपक्ष में 80 वोट पड़े
- कांग्रेस ने इस संशोधन विधेयक को भारत के धर्मनिरपेक्ष मूल्यों के खिलाफ करार देते हुए इसका विरोध किया है
- देश के गृह मंत्री अमित शाह ने इस पर कांग्रेस को जवाब दिया है, उन्होंने तृणमूल कांग्रेस पर भी पलटवार किया
नई दिल्ली : लोकसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक पर चर्चा के दौरान गृह मंत्री अमित शाह के आक्रामक तेवर देखने को मिले, जिन्होंने सदन में इस विधेयक का विरोध करने वाली पार्टियों और इसके नेताओं को आड़े हाथों लिया। गृह मंत्री ने इस विधेयक को भारत के धर्मनिरपेक्ष मूल्यों के खिलाफ करार देते हुए इसका विरोध करने वाली कांग्रेस को आड़े हाथों लिया तो तृणमूल कांग्रेस को भी करारा जवाब दिया।
लोकसभा में इस विधेयक पर तकरीबन 7 घंटे तक चली लंबी बहस के बाद जब गृह मंत्री के जवाब देने का वक्त आया तो उन्होंने एक-एक विरोधियों के सवालों के जवाब दिए और उन पर जमकर निशाना साधा। उनके निशाने पर खास तौर से कांग्रेस पार्टी रही, जिसने इस विधेयक का पुरजोर विरोध किया। गृह मंत्री ने महाराष्ट्र में शिवसेना और केरल में मुस्लिम लीग के साथ कांग्रेस के गठबंधन को लेकर भी सवाल किए।
कांग्रेस पर तंज करते हुए उन्होंने कहा, 'एक तरफ यह पार्टी महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ गठबंधन कर सरकार बनाती है और दूसरी तरफ केरल में मुस्लिम लीग के साथ गठबंधन करती है। क्या यही है कांग्रेस का धर्मनिरपेक्षवाद?'
गृह मंत्री तृणमूल कांग्रेस के नेता व पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक पर भी भड़के, जिन्होंने रवींद्रनाथ टैगोर, बंकिमचंद्र चटोपाध्याय और स्वामी विवेकानंद का उल्लेख करते हुए इस विधेयक का विरोध किया। उन्हें जवाब देते हुए गृह मंत्री ने कहा, 'क्या टैगोर ने ऐसे बंगाल की कल्पना की थी, जिसमें किसी को दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के लिए कोर्ट की अनुमति लेनी पड़े या फिर सरस्वती पूजा मनाने की अनुमति नहीं हो।'
गृह मंत्री ने सदन में तकरीबन 1 घंटे तक अपनी बात रखी, जिस दौरान उन्होंने इस विधेयक पर सरकार के पक्ष को स्पष्ट करने के साथ-साथ सांसदों के सवालों के जवाब भी दिए।