- दिल्ली में बीते करीब एक सप्ताह से रोजाना औसतन 7,000 मामले सामने आ रहे हैं
- रविवार को यहां 3,235 नए मामले दर्ज किए गए हैं, जबकि 95 लोगों की जान गई है
- यह आंकड़ा रोजाना होने वाली जांच के मुकाबले करीब एक तिहाई जांच के बाद के हैं
नई दिल्ली : राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर के बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने समीक्षा बैठक बुलाई है, जिसमें केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन, दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और अन्य अधिकारी शामिल हैं। यह बैठक दिल्ली में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में सितंबर से ही हो रही बढ़ोतरी और इसकी रोकथाम के उपायों पर चर्चा के लिए बुलाई गई है।
बैठक के बाद गृह मंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य देखभाल कर्मचारियों की कमी को देखते हुए CAPF और पैरामेडिकल स्टाफ के डॉक्टरों को दिल्ली भेजा जाएगा। कोविड से जंग में दिल्ली में ऑक्सीजन सिलेंडर और अन्य आवश्यक उपकरण मुहैया कराए जाएंगे। हल्के लक्षणों वाले COVID रोगियों के उपचार के लिए कुछ MCD अस्पतालों को COVID समर्पित अस्पतालों में परिवर्तित किया जाएगा।
दिल्ली में बढ़ाई जाएगी जांच
वहीं, सीएम केजरीवाल ने कहा कि 20 अक्टूबर के बाद से यहां संक्रमण के मामलों में वृद्धि हुई है। यहां पर्याप्त संख्या में कोविड बेड हैं, लेकिन ICU बिस्तर की कमी है। केंद्र ने आश्वासन दिया है कि 750 ICU बेड डीआरडीओ केंद्र में उपलब्ध कराए जाएंगे। उन्होंने यह भी का कि यहां जांच की संख्या दोगुनी करने का फैसला किया है। फिलहाल यहां औसतन 60 हजार नमूनों की जांच होती है, जिसे बढ़ाकर 1 लाख करने का फैसला लिया गया है।
दिल्ली में बीते करीब एक सप्ताह से रोजाना औसतन 7,000 मामले सामने आ रहे हैं। बुधवार (11 नवंबर) को यहां संक्रमण के 8,593 मामले सामने आए थे, जो एक दिन में कोरोना वायरस संक्रमण का सबसे बड़ा आंकड़ा था। रविवार को हालांकि यहां 3,235 नए मामले सामने हैं, लेकिन इसमें राहत की कोई बात नहीं है, क्योंकि यह आंकड़ा रोजाना होने वाली जांच के मुकाबले करीब एक तिहाई जांच के बाद ही सामने आए हैं।
बीते 24 घंटों में 95 मौतें
दिल्ली में बीते कुछ दिनों में जहां रोजाना करीब 60,000 जांच हो रही है, वहीं दिवाली के दिन (14 नवंबर) यहां केवल 21,098 जांच हुई, जो रोजाना की कुल जांच का केवल एक तिहाई है। जांच में कमी की वजह त्योहारों के समय स्टाफ की कमी बताई जा रही है। दिल्ली में पॉजिटिविटी दर बढ़कर जहां 15.33 प्रतिशत हो गई है, वहीं बीते 24 घंटों के दौरान यहां इस घातक बीमारी से 95 लोगों ने दम तोड़ दिया।
दिल्ली में कोरोना संक्रमण के मामलों में तेजी से हुई बढ़ोतरी के बीच ऐसी आशंका भी जताई जा रही है कि यहां हालात और बुरे हो सकते हैं, क्योंकि प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि प्रदूषण की वजह से भी लोगों के फेफड़ों में संक्रमण का जोखिम बढ़ जाता है, जिससे उनमें सांस संबंधी परेशानियां बढ़ जाती हैं। चूंकि कोविड-19 भी फेफड़ों पर असर डालता है, ऐसे में संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है।