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अमित शाह की उच्च स्तरीय बैठक में ही बन गया था PFI पर एक्शन का पूरा प्लान, फिर NIA-ED ने किया पुख्ता 'प्रहार'

Updated Sep 22, 2022 | 12:30 IST

NIA-ED raid on PFI : रिपोर्टों की मानें तो पीएफआई पर एक्शन की योजना गत 29 अगस्त को बन गई थी। इस दिन अमित शाह ने सुरक्षा एवं पीएफआई की संदिग्ध गतिविधियों को लेकर एक उच्च स्तरीय बैठक की थी। रिपोर्टों के मुताबिक बताया जा रहा है कि इस बैठक में ही पीएफआई के पर कतरने की व्यापक रणनीति बनी।

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पीएफआई पर अब तक का सबसे बड़ा एक्शन हुआ है।
मुख्य बातें
  • एनआईए एवं ईडी ने पीएफआई पर अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई की है
  • बताया जा रहा है कि गृह मंत्री की 29 अगस्त की बैठक में बनी थी रणनीति
  • गुरुवार तड़के चार बजे जांच एजेंसियों ने PFI के ठिकानों पर छापे मारने शुरू किए

NIA-ED raid on PFI : पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) पर जांच एजेंसियों ने अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई की है। टेरर फंडिंग मॉड्यूल केस में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गुरुवार तड़के 14 राज्यों में छापे की ताबड़तोड़ कार्रवाई शुरू की। छापे की ये कार्रवाई राजस्थान, बिहार, दिल्ली, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, केरल, असम, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों में हुई है। इन जगहों से पीएफआई के प्रदेश अध्यक्ष, जिलाध्यक्ष एवं अन्य सदस्य गिरफ्तार हुए हैं। इन गिरफ्तारियों की संख्या 100 से ज्यादा है। शहरों में पीएफआई के दफ्तर सील हुए हैं। इस बीच जांच एजेंसियों की इस कार्रवाई पर दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह ने उच्च स्तरीय बैठक की है और स्थिति का जायजा लिया है। गृह मंत्री की इस बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, एनआईए के डीजी और गृह सचिव शामिल हुए। 

29 अगस्त को बन गई थी एक्शन की रणनीति
रिपोर्टों की मानें तो पीएफआई पर एक्शन की योजना गत 29 अगस्त को बन गई थी। इस दिन अमित शाह ने सुरक्षा एवं पीएफआई की संदिग्ध गतिविधियों को लेकर एक उच्च स्तरीय बैठक की थी। रिपोर्टों के मुताबिक बताया जा रहा है कि इस बैठक में ही पीएफआई के पर कतरने की व्यापक रणनीति बनी। इस बैठक में एनएसए, रॉ प्रमुख, आईबी, एनआई के प्रमुख सहित अन्य सुरक्षा एवं खुफिया अधिकारी मौजूद थे। सूत्रों के मुताबिक इस बैठक में गृह मंत्री ने जांच एजेंसियों को निर्देश दिया कि वे पीएफआई पर एक्शन लेने से पहले उसके खिलाफ पुख्ता सबूत एवं साक्ष्य जुटा लें। 

शाह ने ली पीएफआई की गतिविधियों की पूरी जानकारी
इस बैठक में शामिल अधिकारियों ने बताया कि शाह ने पीएफआई और उसकी गतिविधियों के बारे में पूरी जानकारी ली और एक बार सभी जानकारी मिल जाने पर उन्होंने एजेंसियों को अलग-अलग जिम्मेदारी दी। बैठक में गृह मंत्री ने पीएफआई के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करने के लिए कहा। साथ ही उन्होंने कहा कि कार्रवाई को अंजाम देने से पहले जांच एजेंसियों को अपनी पुख्ता तैयारी एवं साक्ष्य जुटाने होंगे। रिपोर्टों के मुताबिक इस बैठक में पीएफआई के कैडर, उसकी फंडिंग एवं आतंकी नेटवर्क पर करीबी नजर रखने एवं इनके खिलाफ देश भर में एक्शन की रणनीति बनी।  

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दंगों में पीएफआई की भूमिका सामने आई
पिछले कुछ समय से टेरर फंडिंग मामलों और देश भर में अलग-अलग जगहों पर हुए सांप्रदायिक हिंसा एवं दंगों में पीएफआई की संदिग्ध भूमिका नजर आई। इन मामलों में पीएफआई के सदस्यों की गिरफ्तारी भी हुई। सवाल उठ रहे थे कि देश का सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने और दंगों एवं हिंसा में उसकी भूमिका सामने आने के बाद भी सरकार इस संगठन के खिलाफ बड़ा एक्शन क्यों नहीं ले रही है, इसे लेकर लोग बार-बार सवाल पूछ रहे थे। सवाल जांच एजेंसियों पर भी उठाए जा रहे थे।  

तड़के साढ़े चार बजे शुरू हुई छापे की कार्रवाई
सूत्रों का कहना है कि एनआईए और ईडी के इस एक्शन की तैयारी एक सप्ताह पहले कर ली गई थी।  एक सप्ताह पहले रेड के लिए सीआरपीएफ की टीम को तैयार रहने के लिए कहा गया था। रेड की इस कार्रवाई में 300 से ज्यादा अधिकारी शामिल हैं। सूत्रो को कहना है कि देश भर में छापे की इस कार्रवाई को बेहद गोपनीय रखा गया था। छापे की यह कार्रवाई तड़के चाढ़े चार बजे शुरू हुई लेकिन तीन बजे तक यह पता नहीं था कि रेड किस जगह पर डालनी है।जांच एजेंसियों की इस कार्रवाई के बाद पीएफआई के लोगों ने कई जगहों पर प्रदर्शन किए हैं। 

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