- महाराष्ट्र के नागपुर में लॉकडाउन का ऐलान, कुछ और शहरों में लॉकडाउन लगाने के संकेत
- पंजाब के कई शहरों में नाइट कर्फ्यू का ऐलान
- नीति आयोग का कहना है कि लोगों में अनुशासन की कमी कोरोना के बढ़ते केस के लिए जिम्मेदार
नई दिल्ली। पिछले वर्ष 2020 में मार्च के महीने में जब दुनिया के देश कोरोना की गिरफ्त में आ रहे थे तो भारत सरकार ने ऐहतियात के तौर पर लॉकडाउन लगाने का फैसला लिया था। लॉकडाउन के पीछे दो तरह की बातें थीं कि पहले तो शुरुआत में कोरोना वायरस के चेन को तोड़ा जा सके और दूसरा कि कोरोना महामारी का मुकाबला करने के लिए आवश्यक तैयारी की जा सके। अगर पिछले मार्च से लेकर अब तक के सफर को देखें तो देश के पास कोविशील्ड और कोवैक्सीन मौजूद है। लेकिन देश के अलग अलग हिस्सों में जिस तरह से कोरोना के केस दोबारा बढ़ रहे हैं वो चिंता का विषय है।
चिंता की बात है
नीति आयोग ने गुरुवार को कहा था कि महाराष्ट्र, केरल, कर्नाटक, तेलंगाना के बढ़ते हुए केस चिंता की वजह हैं। इसके साथ ही पंजाब और दिल्ली के केस भी चिंता बढ़ा रहे हैं। हमें खुद को अनुशासित रखकर इस चुनौती से लड़ना है। महाराष्ट्र के नागपुर में लॉकडाउन लगाने का फैसला किया गया है इसके साथ ही दूसरे शहरों में भी इस संबंध में फैसला लिया जा सकता है जिसके संकेत सीएम उद्धव ठाकरे दे चुके हैं। इसके बीच पंजाब के कई शहरों में नाइट कर्फ्यू का ऐलान किया गया है तो गाजियाबाद के एक इलाके को 14 दिन के लिए पूरी तरह सील कर दिया गया है।
परभनी के संरक्षक मंत्री नवाब मलिक का कहना है कि जिले में शनिवार आधी रात से सोमवार सुबह 6 बजे तक लॉकडाउन लागू रहेगा।
मुंबई में लग सकता है लॉकडाउन
मुंबई के मेयर का कहना है कि जिस रफ्तार से कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं उससे निपटने के लिए हमें एक बार फिर लॉकडाउन के लगाना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि जिस तरह से लोगो गैर अनुशासित व्यवहार कर रहे हैं वो चिंता बढ़ाने वाली है। मुंबईकर से अपील करते हुए उन्होंने कहा कि सभी लोग अपनी जिम्मेदारी समझें और सरकार की मुहिम में साथ दें। कोरोना की समस्या से निपटने के लिए सरकारी प्रयासों के साथ साथ आम लोगों का भी आगे आना जरूरी है।