- ममता बनर्जी को लगी चोट को टीएमसी साजिश बता रही है
- चुनाव आयोग से इस पूरे मामले की गहराई से जांच की मांग
- टीएमसी का कहना है कि इस समय राज्य की कानून व्यवस्था आयोग के हवाले है
मुंबई। नंदीग्राम से पर्चा भरने के बाद ममता बनर्जी अपनी कार में सवार हुईं, कार हौले हौले आगे बढ़ी लेकिन उसी बीच उन्हें चोट आ गई और वो चोट ही सियासत के केंद्र में है। कोलकाता के एसएसकेएम अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है और वो स्वस्थ हैं। लेकिन सियासत का पारा चढ़ा हुआ है। टीएमसी के नेताओं ने चुनाव आयोग तक की घेरेबंदी कर दी। टीएमसी के कद्दावर नेताओं का कहना है कि जिस तरह से ममता बनर्जी पर हमला हुआ उसमें गहरी साजिश नजर आ रही है।दरअसल जिस समय ममता बनर्जी चोटिल हुईं उस वक्त पुलिस का एक भी शख्स मौजूद नहीं था। लेकिन इस विषय पर आरपीआई नेता और केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने दिलचस्प बयान दिया है।
रामदास अठावले का दिलचस्प बयान
केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि ममता बनर्जी पर हमला किसने किया या योजना क्या थी। इसकी जांच होनी चाहिए। मुझे नहीं लगता कि इसमें कोई राजनीति शामिल है। उस पर पहले कभी हमला नहीं किया गया था, अब कोई कैसे कर सकता है।पश्चिम बंगाल की स्थिति को देखते हुए, मुझे लगता है कि भाजपा सत्ता में आएगी। ममता बनर्जी 10 साल से सत्ता में हैं, अब लोग बदलाव चाहते हैं। रिपब्लिकन पार्टी ऑफ़ इंडिया 15-20 सीटों पर चुनाव लड़ेगी और वहां भाजपा का समर्थन करेगी।
टीएमसी को आयोग की भूमिका पर शक ?
टीएमसी के वरिष्ठ नेता सौगत रॉय ने कहा कि हमने नंदीग्राम में ममता बनर्जी पर हमले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। जब घटना हुई, तो वहां कोई पुलिस मौजूद नहीं थी। उसके जीवन के प्रयास में आने वाली घटनाएं, इसमें कोई संदेह नहीं है, कि हमले गहरी जड़ें साजिश का हिस्सा थे।हमने जांच का स्रोत तय करने के लिए इसे ईसीआई पर छोड़ दिया, हमने कोई विशेष जांच की मांग नहीं की, लेकिन हमने ईसीआई को लिखे अपने पत्र में उल्लेख किया है कि निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।