- सेना प्रमुख हालात का जायजा लेने के लिए 2 दिन के लद्दाख दौरे पर
- सेना प्रमुख लद्दाख में तैनात कमांडरों के साथ गतिरोध पर चर्चा करेंगे और अग्रिम इलाकों का दौरा करेंगे
- 15 जून को हुई हिंसक झड़प में भारत के 20 सैनिक शहीद हुए थे
नई दिल्ली: चीन के साथ जारी सीमा विवाद के बीच सेनाध्यक्ष जनरल एमएम नरवणे 2 दिन के लिए लद्दाख दौरे पर पहुंचे हैं। इस दौरान उन्होंने लेह में सैन्य अस्पताल में सैनिकों से मुलाकात की। 15 जून को गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हुई हिंसक झड़प में कई सैनिक घायल हो गए थे। भारतीय सेना ने ट्वीट कर कहा, 'सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे अपने दो दिवसीय पूर्वी लद्दाख दौरे के दौरान सैन्य अस्पताल, लेह में हमारे वीर सैनिकों के साथ बातचीत करते हुए।'
सूत्रों के अनुसार, इस यात्रा के दौरान सेना प्रमुख अग्रिम चौकियों का दौरा करेंगे और वहां मौजूद सैनिकों से बातचीत करेंगे। पिछले सप्ताह वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आर के एस भदौरिया ने लद्दाख और श्रीनगर वायु सैनिक अड्डों का दौरा किया था और क्षेत्र में किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए भारतीय वायु सेना की तैयारियों का जायजा लिया था।
भारत-चीन के सैन्य कमांडरों की 11 घंटे लंबी बैठक
सेना प्रमुख का लद्दाख दौरा ऐसे समय में हो रहा है, जब सोमवार को लेफ्टिनेंट जनरल सिंह ने चीन के साथ तनाव काम करने के लिए तिब्बत सैन्य जिले के कमांडर मेजर जनरल ल्यू लिन के साथ 11 घंटे लंबी बैठक की। 6 जून की वार्ता के बाद सैन्य कमांडरों के बीच यह दूसरी बैठक थी। सूत्रों की मानें तो बैठक में भारतीय पक्ष ने चीनी सैनिकों द्वारा गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों पर किए गए 'पूर्वनियोजित' हमले के संबंध में कड़ा विरोध जताया और पूर्वी लद्दाख में गतिरोध के प्रत्येक बिंदु से चीनी सैनिकों के तत्काल पीछे हटने की मांग की। बातचीत का उद्देश्य पेंगोंग त्सो समेत कई क्षेत्रों से दोनों पक्षों के सैनिकों को वापस बुलाने की प्रक्रिया तय करना था जहां वे पिछले छह सप्ताह से गतिरोध की स्थिति में हैं।
सकारात्मक रही बैठक
न्यूज एजेंसी भाषा के अनुसार, भारत और चीन के शीर्ष सैन्य कमांडरों के बीच सोमवार को हुई बैठक के दौरान दोनों देशों की सेनाओं के बीच पूर्वी लद्दाख में टकराव वाले स्थानों से हटने पर सहमति बनी है। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी। बताया गया कि यह बातचीत, 'सौहार्दपूर्ण, सकारात्मक और रचनात्मक माहौल' में हुई और यह निर्णय लिया गया कि दोनों पक्ष पूर्वी लद्दाख में टकराव वाले सभी स्थानों से हटने के तौर तरीकों को अमल में लाएंगे।