- गलवान घाटी में 15 जून की रात भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुआ खूनी संघर्ष
- इस घटना के बाद वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तनाव बढ़ गया है, चीन के खिलाफ आक्रोश
- देश में चीनी उत्पादों के बहिष्कार की मांग तेज हुई, लोग बदला लेने की मांग कर रहे हैं
नई दिल्ली : गलवान घाटी की हिंसा के बाद वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन के साथ रिश्तों में आए तनाव पर चर्चा के लिए सर्वदलीय बैठक शुरू हो गई है। यह बैठक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवास 7, लोक कल्याण मार्ग पर हो रही है। इस बैठक में 20 राजनीतिक दल के प्रमुख नेता शामिल हो रहे हैं। बैठक शुरू होने से पहले सभी नेताओं ने दो मिनट का मौन रहकर शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी। समझा जाता है कि 15 जून की हिंसा के बाद पीएम मोदी सीमा की स्थिती की जानकारी विपक्षी दलों को देंगे। विपक्ष इस घटना की निंदा कर चुका है। कुछ दलों ने इस शहादत का बदला लेने की मांग प्रधानमंत्री से कही है।
ओवैसी ने जताई नाराजगी
इससे पहले इस सर्वदलीय बैठक के लिए न्योता नहीं मिलने पर राजद एवं ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) ने नाराजगी जाहिर की।ओवैसी ने प्रधानमंत्री मोदी को लिखे पत्र में शुक्रवार को कहा, 'सर्वदलीय बैठक के लिए मेरी पार्टी को नहीं बुलाया जाना निराशाजनक है।' वहीं, राजद नेता मनोज झा और मीसा भारती ने संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के पास विरोध-प्रदर्शन किया। झा ने कहा, 'गलवान घाटी हिंसा पर चर्चा के लिए बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में हमें आमंत्रित नहीं किया गया है। इससे हम निराश हैं।'
वर्चुअल रैली में केंद्रीय मंत्री भी मौजूद रहेंगे
सूत्रों का कहना है कि इस वर्चुअल बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा भी मौजूद रहेंगे। सूत्रों के मुताबिक रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को व्यक्गित रूप से फोन कर प्रधानमंत्री की तरफ से सभी नेताओं को इस सर्वदलीय बैठक के लिए आमंत्रित किया। इस बैठक के लिए राजद, आम आदमी पार्टी जैसे दलों को न्योता नहीं मिलने पर सूत्रों का कहना है कि इस बैठक के लिए केवल मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय दलों या लोकसभा में जिनकी संख्या पांच सदस्यों से ज्यादा है, उन्हें न्योता भेजा गया है।
गलवान घाटी में 20 सैनिक हुए शहीद
बता दें कि गलवान घाटी में गत 15 जून की रात भारत और चीन के सैनिकों में भीषण खूनी संघर्ष हुआ। इस संघर्ष में भारत के 20 जवान शहीद हुए हैं। इस घटना के बाद सीमा पर तनाव काफी बढ़ गया है। भारत ने गलवान घाटी की इस घटना के लिए चीन को जिम्मेदार ठहराया है। भारतीय जवानों के शहीद होने पर देश भर में चीन के खिलाफ काफी गुस्सा देखने को मिल रहा है। लोग जवानों की शहादत का बदला लेने की मांग कर रहे हैं।