- ओवैसी ने कहा है कि उनकी पार्टी भाजपा और शिवसेना का समर्थन नहीं करेगी
- महाराष्ट्र में एआईएमआईएम के दो विधायक हैं, राज्यपाल ने अब राकांपा को दिया है मौका
- राज्य में भाजपा-शिवसेना गठबंधन को सरकार बनाने के लिए मिला है जनादेश
नई दिल्ली : ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी ने मंगलवार को एक बार फिर दोहराया कि महाराष्ट्र में भाजपा या शिवसेना के नेतृत्व में बननी वाली सरकार का उनकी पार्टी समर्थन नहीं करेगी। ओवैसी ने कहा कि दोनों पार्टियां की विचारधारा हिंदुत्व के एजेंडे पर आधारित है और दोनों पार्टियां एक हैं। अयोध्या फैसला पर उन्होंने कहा कि उनकी लड़ाई जमीन के टुकड़े के लिए नहीं बल्कि बाबरी मस्जिद के लिए कानूनी लड़ाई थी।
महाराष्ट्र में सरकार गठन पर जारी राजनीतिक गतिरोध पर प्रतिक्रिया देते हुए ओवैसी ने कहा, 'भाजपा और शिवसेना एक ही हिंदुत्व के एजेंडे को मानने वाले हैं। इन दोनों पार्टियों को टकराव के बारे में सोचना चाहिए। जनता को सरकार की जरूरत है। सरकार नहीं बन पा रही है तो मैं क्या कर सकता हूं। हमारी पार्टी भाजपा और शिवसेना के नेतृत्व वाली सरकार को समर्थन नहीं देगी। शिवसेना यदि कांग्रेस और एनसीपी के साथ मिलकर सरकार बनाती है तो भी हमारी पार्टी उस सरकार का समर्थन नहीं करेगी।'
एआईएमआईएम प्रमुख ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, 'मेरे सिर पर वोट काटने का जो ताज रखा गया था लेकिन अब लोगों को पता चल जाएगा कि कौन वोट कार रहा है। शिवसेना और भाजपा में कोई फर्क नहीं है। कांग्रेस पार्टी भी अपना असली चेहरा दिखा रही है।' ओवैसी ने कहा कि महाराष्ट्र में सरकार दो ही सूरत में बन सकती है। पहली सूरत यह है कि सरकार बनाने के लिए भाजपा और शिवसेना साथ आएं। दूसरा कि शिवसेना-कांग्रेस और एनसीपी का गठबंधन बने। बहुमत का आंकड़ा इसी गठबंधन के पास है। शिवसेना अब सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कह रही है। वह कोर्ट गई तो मामला लंबा खिंच सकता है।
अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर ओवैसी ने कहा, 'मैं पहले ही कह चुका हूं कि हमें खैरात नहीं चाहिए। जमीन के टुकड़े के लिए हमने बाबरी मस्जिद की कानूनी लड़ाई नहीं लड़ी है। यह हमारी कानूनी कानूनी लड़ाई थी।' महाराष्ट्र में एआईएमआईएम के दो विधायक जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं।