- एक रिटारयर आईएस अधिकारी रहे हैं अश्विनी वैष्णव
- मोदी सरकार ने दी रेल और सूचना प्रौद्योगिकी जैसे अहम मंत्रालय की जिम्मेदारी
- वाजपेयी सरकार में पीएमओ में अहम जिम्मेदारी निभा चुके हैं वैष्णव
भुवनेश्वर: पीएम मोदी ने बुधवार को जब केंद्रीय मंत्रिपरिषद में फेरबदल किया तो इसमें एक नाम ऐसा था जिसके बारे में पहले से कयास लगाए जा रहे थे कि उन्हें कैबिनेट में जगह मिलेगी। ये नाम था आईएएस अधिकारी से उद्यमी बने राज्यसभा सदस्य अश्विनी वैष्णव का। वैष्णव को पीएम मोदी ने दो महत्वपूर्ण मंत्रालयों रेलवे और संचार तथा सूचना प्रद्यौगिकी मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी है। शपथ ग्रहण समारोह के दौरान वैष्णव 15 नए कैबिनेट मंत्रियों में शपथ लेने वालों में छठे स्थान पर थे।
कोरोना के समय भी रहे सक्रिय
टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, टेक्नोक्रेट वैष्णव (50), जो टीम मोदी के लिए बैकरूम ब्वॉय थे, उनको उनकी पेशेवर विशेषज्ञता और निजी तथा सार्वजनिक क्षेत्रों में उनके अनुभव के चलते जगह मिली। भाजपा के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि वह कोरोना महामारी के दौरान कई नीतिगत फैसलों से जुड़े रहे हैं। अटल बिहारी वाजपेयी के पीएमओ में उप सचिव रहते हुए वैष्णव ने बुनियादी ढांचे की परियोजनाओं के लिए सार्वजनिक-निजी-भागीदारी नीति ढांचे को डिजाइन करने में बहुत अह योगदान दिया था। वाजपेयी के पीएम कार्यालय छोड़ने के बाद, उन्होंने उनके निजी सचिव के रूप में भी काम किया था।
शानदार रहा है पढ़ाई का ट्रैक रिकॉर्ड
राजस्थान के मूल निवासी वैष्णव 1999 के सुपर-साइक्लोन के दौरान एक युवा आईएएस अधिकारी थे। तब उन्होंने अमेरिकी नौसेना की वेबसाइट पर अपना रास्ता ट्रैक करने के लिए लॉग इन किया था और तत्कालीन शीर्ष प्रशासकों को रीयल-टाइम अपडेट की जानकारी दी। गौर करने वाली बात ये है कि उस समय मौसम विभाग आज की तरह रियल टाइम अपडेट नहीं देता था। वैष्णव अकादमिक ट्रैक रिकॉर्ड खुद बताता है कि वो कितने काबिल रहे हैं। जोधपुर विश्वविद्यालय बीई (इलेक्ट्रॉनिक्स और दूरसंचार) गोल्ड मैडलिस्ट, आईआईटी कानपुर से औद्योगिक प्रबंधन में एमटेक और व्हार्टन से एमबीए (वित्त और रणनीति) करने वाले वैष्णव ने
सिविल सर्वेंट से बने उद्यमी
सिविल सेवा से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली थी। इसके बाद उन्होंने दक्षिण एशिया की जीई ट्रांसपोर्टेशन के एमडी और फिर सीमेंस में शहरी बुनियादी ढांचे की रणनीति के प्रमुख के रूप में काम किया। 2017 में, उन्होंने अन्य उद्यमियों के साथ मिलकर ओडिशा में एक आयरन ऑक्साइड पेलेट बनाने वाली इकाई का अधिग्रहण किया और कुछ महीनों में एक बदलाव सुनिश्चित किया।
तारीफ करते नहीं थकते हैं बैचमेट्स
उनके 1994 के आईएएस बैचमेट्स का कहना है कि वह एक उत्कृष्ट अधिकारी थे जो जमीन से जुड़े रहे। उनके एक बैचमेट और ओडिशा आवास और शहरी विकास सचिव जी माथी वथानन ने बताया, "वह एक कुशल व्यक्ति है। उनकी एनर्जी का लेवल हर समय बहुत हाई रहता है और वे अत्यधिक प्रेरित रहते हैं।' दो साल पहले वैष्णव का राज्यसभा में प्रवेश नाटकीय और उनके महत्व का संकेत था। मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने पहले उन्हें बीजद उम्मीदवार के रूप में घोषित किया था, लेकिन बाद में जून 2019 में उन्हें उच्च सदन के लिए भाजपा ने अपने उम्मीदवार के रूप में समर्थन दिया।