नई दिल्ली: असम विधानसभा चुनाव 2021 में भाजपा राज्य की सत्ता पर फिर से काबिज होने जा रही है। सत्तारूढ़ भाजपा नीत राजग ने 126 विधानसभा सीटों में से 77 सीटों पर बढ़त बना रखी है। भाजपा 58 सीटों पर आगे है जबकि उसकी सहयोगी असम गण परिषद 11 और युनाइटेड पीपुल्स पार्टी-लिबरल 8 सीटों पर आगे चल रही है। वहीं, कांग्रेस के नेतृत्व वाला विपक्षी गठबंधन ‘महाजोत’ 45 सीटों पर सिमटता दिख रहा है। हालांकि नतीजों की आधिकारिक घोषणा अभी नहीं हुई है।
असम में भाजपा ने रचा इतिहास
असम में विधानसभा चुनाव जीत के साथ भाजपा ने इतिहास रच दिया है। असम में पहली मर्तबा किसी गैर-कांग्रेस सरकार ने लगातार दूसरी बार सत्ता में वापसी की है। बता दें कि राज्यच में पहली बार गैर-कांग्रेस सरकार साल 1978 में बनी थी। उस वक्त जनता पार्टी ने सत्ता पर कब्जा जमाया था। यह सरकार 18 महीनों के ही गिर गई। इसके बाद साल 1985 और 1996 के बीच राज्य में असम गण परिषद की सरकार बनी। हालांकि, असम गण परिषद लगातार सत्ता में नहीं रही। वहीं, साल 2001 से 2016 तक लगातार असम में कांग्रेस की सरकार बनी।
सोनोवाल-हिमंत को मिली बड़ी जीत
असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल और वरिष्ठ मंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने चुनाव में बड़ी जीत हासिल की है। सोनोवाल ने माजुली सीट पर 43 हजार192 वोटों के अंतर से कांग्रेस उम्मीदवार राजीब लोचन पेगु को मात दी। उन्हें 70,618 वोट मिले जो कि कुल वोट का 67 प्रतिशत है। वहीं, सरमा ने एक लाख से अधिक मतों के अंतर से विधानसभा चुनाव जीता। उन्होंने कांग्रेस के रोमेन चंद्र बोरठाकुर को 1,01,911 मतों से हराकर जालुकबारी सीट पर कब्जा बरकरार रखा। निवर्तमान राज्य सरकार में सरमा के पास शिक्षा, स्वास्थ्य, वित्त एवं लोक निर्माण विभाग थे।
असम में भाजपा जश्न नहीं मनाएगी
असम में विधानसभा चुनाव में जीत के बावजूद भाजपा जश्न नहीं मनाएगी। भाजपा ने निर्वाचन आयोग के निर्देश के मद्देनजर जश्न नहीं मनाने का फैसला किया है। कोविड-19 के मामलों में बढ़ोतरी को देखते हुए निर्वाचन आयोग ने मतगणना प्रक्रिया के दौरान या मतगणना के बाद विजय जुलूस नहीं निकालने का निर्देश जारी किया है। प्रदेश भाजपा के मुख्य प्रवक्ता रूपम गोस्वामी ने कहा कि पार्टी के समर्थकों से निर्वाचन आयोग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करने और गुवाहाटी में पार्टी के मुख्यालय के बाहर जमा नहीं होने को कहा गया है।