- कोविज-19 के बारे में सांप्रदायिक टिप्पणी करने पर गिरफ्तार हुए एआईयूडीएफ विधायक
- पुलिस की पूछताछ में विधायक ने माना कि उन्होंने जानबूझकर ऑडियो क्लिप तैयार की
- विधायक अमिनुल ने इस क्लिप को आगे किन लोगों को सर्कुलेट किया है, इसकी जांच जारी
नगांव (असम) : कोरोना वायरस के फैलाव पर 'सांप्रदायिक टिप्पणी' करना ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंड (एआईयूडीएफ) के विधायक अमिनुल इस्लाम को भारी पड़ गया है। कोविड-19 के बारे में 'सांप्रदायिक टिप्पणी' करने के आरोप में विधायक को गिरफ्तार कर लिया गया है। कोरोना वायरस के फैलाव के बारे में विधायक की एक ऑडियो क्लिप वायरल होने के बाद पुलिस ने उनकी गिरफ्तारी की है।
पुलिस ने मंगलवार को बताया कि अमिनुल इस्लाम के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है। अमिनुल धींग निर्वाचन क्षेत्र से विधायक हैं। पुलिस ने बताया कि विधायक के क्लिप के बारे में सोमवार को शिकायत मिली जिसके बाद उनके खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक पुलिस अधीक्षक गौरव अभिजीत दिलीप ने मीडिया से बातचीत में बताया, 'हमें नगांव पुलिस स्टेशन में शिकायत मिली। आरोप है कि अमिनुल इस्लाम का एक ऑडियो क्लिप सोशल मीडिया में वायरल हुआ है और इस वीडियो में उन्होंने सांप्रदायिक टिप्पणी की है।'
पुलिस अधिकारी ने बताया कि इस मामले में पूछताछ के लिए विधायक को उसी दिन बुलाया गया। उन्होंने कहा, 'पूछताछ के दौरान विधायक ने ऑडियो क्लिप में अपनी आवाज होने की बात मानी। अमिनुल ने यह भी कहा कि उन्होंने जानबूझकर यह ऑडियो क्लिप तैयार की। यह क्लिप उनके मोबाइल फोन में भी मिला।' पुलिस ने विधायक के फोन को जब्त कर लिया है। अधिकारी ने बताया कि विधायक ने यह ऑडियो क्लिप कई लोगों को भेजी।
पुलिस का कहना है कि वह इस बात की जांच करेगी कि विधायक ने यह क्लिप आगे किन लोगों को भेजी है। दिलीप ने कहा, 'क्लिप में जो बातें कही गई हैं वह लोगों के बीच शत्रुता पैदा करने के साथ ही समाज में सौहार्द बिगाड़ सकती हैं। हमने विधायक के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है।'
असम में अब तक कोविड-19 के 27 केस मिले हैं। इनमें से ज्यादातर लोग तब्लीगी जमात से जुड़े हैं। मंगलवार को भी कोविड-19 का नया केस राज्य में सामने आया। यह व्यक्ति मरकज निजामुद्दीन में आयोजित हुए कार्यक्रम से जुड़ा है। देश में कोरोना वायरस के अब तक 4421 केस सामने आ चुके हैं। इनमें से 326 लोगों को ठीक किया जा चुका है जबकि 114 लोगों की मौत हुई है।