- संघ आगामी विधानसभा चुनावों में बीजेपी की जीत को लेकर है चिंतित!
- कौन, क्या और कैसी निभाए भूमिका, जिससे चुनाव में हो लाभ...इस पर चर्चा
- साल 2025 में होगा RSS का शताब्दी वर्ष समारोह, इसलिए टारगेट पर है जोर
साल 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियों के मद्देनजर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के नेता एक चिंतन शिविर का आयोजन कर सकते हैं। माना जा रहा है कि यह कार्यक्रम 14-15 जुलाई, 2022 को कर्नाटक के बेंगलुरू शहर में हो सकता है। समाचार एजेंसी एएनआई ने इसके साथ ही बताया कि प्रोग्राम में सूबे के सीएम बसवराज बोम्मई और बीजेपी के राज्य इकाई के प्रमुख नलिन कुमार कटील भी शामिल हो सकते हैं।
वैसे, इससे पहले 30 जून, 2022 को बीजेपी चीफ की मुलाकात आरएसएस में मुकुंद और सुधीर सरीखे मुखियाओं के साथ हुई थी। बेंगलुरू स्थित संघ मुख्यालय केशवकृपा में इनके बीच करीब 45 मिनट कर मंथन चला था।
दरअसल, सियासी गलियारों में चर्चा गर्म है कि संघ इन चुनावों में बीजेपी की जीत को लेकर चिंतित है। संघ की इस चिंता के संकेत ऐसे वक्त पर देखने को मिल रहे हैं, जब देश में 'हिजाब' और 'हलाल' सरीखे मुद्दे छाए हुए हैं। यही नहीं, संघ उन विपक्षी नेताओं से भी परेशान है, जो लगातार उस पर हमले बोल रहे हैं। यह चिंता इसलिए भी मायने रखती है और बढ़ जाती है, क्योंकि पूर्व में बीजेपी के नेता कांग्रेस के सिद्धारमैया के हमलों पर जवाब देने में नाकामयाब रहे हैं।
कहा जा रहा है कि इस आयोजन में विभिन्न मसलों पर चर्चा की जा सकती है। सूत्रों के हवाले से एएनआई ने आगे बताया कि मीटिंग में इस बात पर चर्चा होगी कि सरकार, पार्टी, नेता और आरएसएस ऐसी क्या भूमिका निभाएं, जिससे सत्ता में रहा जा सके और जीत हासिल की जा सके।
2024 तक यह चीज करने का संघ का प्लान
आरएसएस साल 2024 तक अपनी शाखाओं की संख्या बढ़ाकर एक लाख करना चाहता है। राजस्थान के झुनझुनूं में सात से नौ जुलाई के बीच हुई तीन दिवसीय अखिल भारतीय प्रांत प्रचारक बैठक में इस बात पर विचार-विमर्श किया गया। संघ ने तय किया है कि साल 2025 में संघ के शताब्दी वर्ष समारोह से पहले देश भर में उसकी शाखाओं की संख्या को 2024 तक एक लाख तक ले जाया जाएगा।