- अपनी शादी के लिए ऑटो चालक अक्षय ने जमा किए थे दो लाख रुपए
- प्रवासी मजदूरों की पीड़ा देख उनकी मदद करने का फैसला किया
- बुजुर्गों एवं गर्भवती महिलाओं को ऑटो से अस्पताल भी पहुंचाते हैं
पुणे : लॉकडाउन के दौर में प्रवासी मजदूर साधन न मिलने की वजह से पैदल अपनी यात्रा पूरी कर रहे हैं। इस दौरान उन्हें काफी दिक्कतों का सामना भी करना पड़ रहा है। रास्ते में कुछ लोग इनकी मदद भी करते नजर आ रहे हैं। मानवता की मिसाल करने वाली एक घटना पुणे से आई है। यहां एक ऑटो चालक अपनी शादी के लिए दो लाख रुपए जमा किए थे लेकिन प्रवासियों मजदूरों का दर्द जब उससे नहीं देखा गया तो वह अपने इन पैसों से प्रवासियों का पेट भरने लगा। यही नहीं 30 साल के अक्षय कोठावले वरिष्ठ लोगों एवं गर्भवती महिलाओं को अपने ऑटो से अस्पताल भी पहुंचा रहे हैं।
मदद करने के बाद खुश होते हैं अक्षय
समाचार एजेंसी पीटीआई से बातचीत में कोठावले ने कहा कि संकट के समय लोगों की मदद करने के बाद वह काफी प्रसन्नता का अनुभव करते हैं। उन्होंने बताया, 'ऑटो चालक के रूप में काम करते हुए मैंने अपनी शादी के लिए दो लाख रुपए बचाए थे। मेरी शादी 25 मई को होनी थी लेकिन लॉकडाउन को देखते हुए हमने सोचा कि इस समय विवाह करना उचित नहीं होगा। इसके बाद मैंने और मेरी मंगेतर ने शादी को टाल दिया।'
जरूरतमंदों तक पहुंचाते हैं रोटी और सब्जी
कोठावले ने आगे कहा कि लॉकडाउन लागू होने से उन्होंने पाया कि प्रवासी मजदूरों को काफी परेशानी हो रही है। उन्होंने कहा, 'मैंने सड़कों पर देखा कि लोगों के पास खाने के लिए एक वक्त का भी इंतजाम नहीं है और वे लोग काफी मुसीबत में हैं। यह देखकर मैं अपने कुछ दोस्तों के पास गया और उनके साथ मिलकर मजदूरों की मदद करने का फैसला किया। मैंने फैसला किया कि शादी के लिए मैंने जो अपने पैसे बचाए हैं मैं उन पैसों का इस्तेमाल प्रवासी मजदूरों की भलाई में करूंगा। भलाई के इस काम में मेरे दोस्तों ने भी सहयोग किया।
31 मई तक मदद करने का रखते हैं इरादा
बाद में कोठावले और उनके दोस्तों ने एक किचन की व्यवस्था की और यहां से रोटी और सब्जी तैयार कर जरूरतमंद लोगों और प्रवासी मजदूरों के बीच पहुंचाने लगे। उन्होंने बताया कि वे अपने ऑटो रिक्शा से रोटी और सब्जी रेलवे स्टेशन के समीप मलढक्का चौक, संगमवाडी और यरवदा इलाके में पहुंचाते हैं। कोठावले और उनके दोस्त चाहते हैं कि वे 31 मई तक मजदूरों एवं जरूरतमंदों की मदद कर सकें।