- सुहेलदेव के नाम पर होगा आजमगढ़ विश्वविद्यालय का नाम, अमित शाह- योगी आदित्यनाथ ने किया शिलान्यास
- आजमगढ़ के बारे में अमित शाह बोले- योगी जी के शासन में जिले की छवि बदली
- आजमगढ़, शिक्षा और विकास में नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है।
केंद्रीय गृहमंत्री और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ पूर्वांचल के आजमगढ़ जिले में थे। आजमगढ़ को विश्वविद्यालय की सौगात मिली जिसका नामकरण अमित शाह ने योगी आदित्यनाथ से सुहेलदेव के नाम पर करने की। उनकी अपील का सम्मान करते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने विश्वविद्यालय का नाम सुहेलदेव के नाम पर कर दिया। यह सिर्फ एक विश्वविद्यालय का नामकरण मात्र नहीं था बल्कि राजनीतिक संदेश भी। लेकिन उससे पहले अमित शाह और योगी आदित्यनाथ ने क्या कुछ कहा यह जानना जरूरी है।
अमित शाह क्या बोले
समाजवादी पार्टी के शासन के दौरान आजमगढ़ कट्टरपंथ के लिए जाना जाता था। अब आजमगढ़ शिक्षा के लिए जाना जाएगा। मैं सीएम योगी आदित्यनाथ को महाराजा सुहेलदेव के नाम पर यहां बनने वाले विश्वविद्यालय का नाम देने का सुझाव देना चाहता हूं: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आजमगढ़ में एक सार्वजनिक रैली को संबोधित करते हैं।
आजमगढ़ में योगी सरकार में बदलाव देखने को मिल रहा है. सीएम आदित्यनाथ के नेतृत्व में 'माफिया-राज' खत्म हो गया है: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आजमगढ़ में एक जनसभा को संबोधित कर रहे हैं।योगी जी ने जातिवाद, भाई-भतीजावाद और तुष्टीकरण का अंत किया। 2015 से पहले, यूपी की अर्थव्यवस्था देश में 6 वें स्थान पर थी और आज यह नंबर 1 पर है। 2. बेरोजगारी दर घटकर 4.1% हो गई; 40 मेडिकल कॉलेज हैं, मेडिकल सीटें 3800 हो गई हैं।
योगी आदित्यनाथ ने क्या कहा
सीएम .योगी आदित्यनाथ आजमगढ़ में 2007 में आजमगढ़ में मुझ पर हमला हुआ था। आर-डे के दौरान 'वंदे मातरम' गाने की मांग के लिए शिबली नेशनल कॉलेज के अंदर एबीवीपी सदस्य अजीत राय की हत्या कर दी गई थी, और घटना के एक महीने बाद तक प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई थी। आज कोई इस तरह की हरकत नहीं करता।
क्या कहते हैं जानकार
आजमगढ़ में विश्वविद्यालय का नामकरण सुहेलदेव के नाम पर कर राजभर समाज को संदेश दिया गया कि बीजेपी ही एकमात्र ऐसी पार्टी है जो समाज की बेहतरी के लिए काम कर रही है भले ही राजभरों के लिए ओमप्रकाश राजभर की पार्टी कुछ भी कहती हो। सुभासपा का नाम लिए बगैर यह बताया गया कि कैसे एक दल और एक व्यक्ति इस समाज को अपनी जागीर समझता है। लेकिन बीजेपी के लिए राजभर समुदाय का विकास प्राथमिकता रही है। जानकारों का कहना है कि अगर 2017 के चुनावी नतीजों को देखें तो बीजेपी ने मऊ और बलिया में बेहतर प्रदर्शन किया था और उस वक्त ओम प्रकाश राजभर पार्टी के साथ थे। लेकिन अब राजभर का गठबंधन समाजवादी पार्टी के साथ तो ऐसे में बीजेपी के सामने मुश्किल आ सकती है। ऐसे में बीजेपी की तरफ से सुहेलदेव के जरिए राजभर समाज में सेंध लगाने का प्रयास किया जा रहा है।