- रामदेव ने कहा कि योग और आयुर्वेद के साथ ही टीका भी लेना जरूरी है
- बाबा रामदेव ने अब कहा है कि अच्छे डॉक्टर देवदूत के समान होते हैं
- रामदेव ने पीएम मोदी की ओर से देश के सभी लोगों को मुफ्त वैक्सीन लगाए जाने का ऐलान करने की भी तारीफ की
नई दिल्ली: योग गुरु बाबा रामदेव हाल ही में खासी चर्चा में रहे हैं दरअसल बाबा रामदेव ने एलोपैथी के इलाज पर सवाल खड़ा किया था जिसके बाद इसपर बहुत कंट्रोवर्सी हुई और बयानबाजियां हुईं, वहीं मीडिया रिपोर्टो के मुताबिक बताया जा रहा है कि बाबा रामदेव अब कोरोना की वैक्सीन लगवाने वाले हैं, खास बात ये कि बाबा ने अब कहा है कि अच्छे डॉक्टर देवदूत के समान होते हैं।
रामदेव ने कहा कि योग और आयुर्वेद के साथ ही टीका भी लेना जरूरी है इसके साथ ही रामदेव ने पीएम मोदी की ओर से देश के सभी लोगों को मुफ्त वैक्सीन लगाए जाने का ऐलान करने की भी तारीफ की।
उन्होंने लोगों से अपील कर कहा कि वह योग और आयुर्वेद का अभ्यास करें, यह कोरोना से होने वाली जटिलताओं से लोगों को बचाता है, यह बीमारियों के खिलाफ बचाव का काम करता है। बाबा रामदेव ने इस बाबत सभी से कोरोना की वैक्सीन लगवाने की अपील की है और उन्होंने यह घोषणा भी की कि वे भी जल्द ही वैक्सीन लगवाएंगे।
बाबा बाबा रामदेव ने IMA और फार्मा कंपनियों से पूछे थे 25 सवाल
हाल ही में बाबा रामदेव और आईएमए के बीच जारी विवाद के बीच कार्यक्रम में बाबा रामदेव ने कहा था कि हमारे पास हाइपरटेंशन, बीपी, सुगर, जैसी ऐसी बीमारियों का इलाज है। हमारे पास एक करोड़ पेशेंट का डेटा है जिनको हमने ठीक किया है। बाबा रामदेव ने कहा कि मैं मेडिकल साइंस का सम्मान करता हूं। आप भी योग साइंस का सम्मान कीजिए।
गौर हो कि हाल ही में आईएमए ने एक वीडियो में "मॉडर्न एलोपैथी एक ऐसी स्टुपिड और दीवालिया साइंस है" में रामदेव के बयान के लिए उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी और कार्रवाई नहीं होने पर आईएमए ने कानूनी कार्रवाई की धमकी दी थी।
बाबा रामदेव ने एलोपैथी के बारे में दिए गए अपने बयान को वापस ले लिया था
योग गुरु स्वामी रामदेव ने एलोपैथी के बारे में दिए गए अपने बयान को वापस ले लिया था। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने रामदेव के बयान को 'बेहद दुर्भाग्यपूर्ण' करार देते हुए उन्हें इसे वापस लेने को कहा था। इसके जवाब में स्वामी रामदेव ने लिखा था, 'माननीय श्री डॉ. हर्षवर्धन जी आपका पत्र प्राप्त हुआ, उसके संदर्भ में चिकित्सा पद्दतियों के संघर्ष के इस पूरे विवाद को खेदपूर्वक विराम देते हुए मैं अपना वक्तव्य वापिस लेता हूँ और यह पत्र आपको संप्रेषित कर रहा हूं-' स्वास्थ्य मंत्री के पत्र का जवाब देते हुए रामदेव ने लिखा है, 'हम आधुनिक चिकित्सा विज्ञान तथा एलोपैथी के विरोधी नहीं है।