- कर्नाटक के 23वें मुख्यमंत्री बने बसवराज बोम्मई, राजभवन में ली शपथ
- पूर्व सीएम येदियुरप्पा के करीबी एवं विश्वासे पात्र नेता माने जाते हैं बोम्मई
- शपथ लेने से पहले बोम्मई ने केंद्रीय पर्यवेक्षक धर्मेंद्र प्रधान से मुलाकात की
बेंगलुरु : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बसवराज बोम्मई को बुधवार को कर्नाटक के 23वें मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई गई। राजभवन में सुबह 11 बजे बोम्मई ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। शपथ ग्रहण समारोह से पहले बोम्मई ने कहा, 'मैं आज कैबिनेट की बैठक की अध्यक्षता करूंगा। इसके बाद राज्य में बाढ़ एवं कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा के लिए वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मेरी बैठक होगी।' आज सुबह उन्होंने बेंगलुरु में भगवान श्री मारूति मंदिर के दर्शन किए। मंदिर दर्शन के बाद उन्होंने भाजपा के केंद्रीय पर्यवेक्षक धर्मेंद्र प्रधान एवं राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा से मुलाकात की।
सीएम पद के लिए येदियुरप्पा ने नाम का प्रस्ताव किया था
बोम्मई राज्य की येदियुरप्पा सरकार में गृह मंत्री थे। येदियुरप्पा के इस्तीफे के बाद उनका नाम सीएम पद की रेस में था। खास बात यह है कि सीएम पद के लिए उनका नाम खुद येदियुरप्पा ने प्रस्तावित किया और इसका समर्थन कारजोल अशोक ईश्वरप्पा और भाजपा के सभी विधायकों ने किया। येदियुरप्पा की तरह बोम्मई में प्रभावशाली एवं ताकतवर लिंगायत समुदाय से आते हैं। उन्हें येदियुरप्पा का करीबी एवं विश्वासपात्र माना जाता है। इनके पिता एसआर बोम्मई भी कर्नाटक के सीएम रह चुके हैं।
2008 में भाजपा में शामिल हुए बोम्मई
बसवराज साल 2008 में भाजपा में शामिल हुए। भगवा पार्टी में शामिल होने के बाद वह लगातार आगे बढ़े रहे। राज्य सरकार में वह जल संसाधन मंत्री भी रह चुके हैं। इन्होंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की और अपने करियर की शुरुआत टाटा ग्रुप से की। बोम्मई दो बार एमएलसी और हावेरी जिले के शिगांव से तीन बार विधायक रहे हैं।