- CPI में विवाद के बीच JDU के मंत्री से मिले कन्हैया कुमार, अटकलों का बाजार हुआ गर्म
- कुछ दिन पहले कन्हैया पर लगा था बदसलूकी का आरोप
- बिहार में इन दिनों लगातार हो रही हैं सियासी मुलाकातें
पटना: बिहार की सियासत में इन दिनों मुलाकातों का दौर जारी है जिसके बाद अटकलों का बाजार भी गर्म है। फिलहाल सियासी मुलाकातों की इस लिस्ट में एक नया नाम जुड़ा है और वो है जेएनयू यानि जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार का। कन्हैया कुमार ने बिहार सरकार में कैबिनेट मंत्री और जेडीयू नेता अशोक चौधरी से मुलाकात की है। इस मुलाकात के सियासी मायने भी निकाले जा रहे हैं।
अशोक चौधरी से की मुलाकात
अशोक चौधरी के साथ कन्हैया की यह मुलाकात चौधरी के आवास पर हुई जिसे औपचारिक बताया गया है। भले ही यह मुलाकात औपचारिक रहे लेकिन इसके सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। कन्हैया कुमार ने यह मुलाकात ऐसे समय में की है जब उन पर उन्हीं के पार्टी के नेता के साथ बदसलूकी करने का आरोप लगा था जिसके बाद उनकी पार्टी ने कन्हैया कुमार के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित किया था। कन्हैया पर आरोप लगा था कि उन्होंने भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) प्रदेश कार्यालय सचिव इंदुभूषण वर्मा के साथ बदसलूकी, धक्का-मुक्की और मारपीट की। हालांकि कन्हैया ने सफाई देते हुए कहा था कि वो इस हिंसा में शामिल नहीं थे।
लोजपा सांसद ने की थी नीतीश से मुलाकात
इससे पहले नवादा से लोकजनशक्ति पार्टी के सांसद चंदन कुमार ने भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से उनके आवास पर मुलाकात की थी। इस मुलाकात को भी गैर राजनीतिक बताया गया था लेकिन मुलाकात के तुरंत बाद कयासबाजी शुरू हो गई थी। लोजपा सांसद की यह मुलाकात भी ऐसे समय में हुई थी लोजपा प्रमुख जब चिराग पासवान के खिलाफ पार्टी में बगावत के सुर फूट रहे हैं और वहीं चिराग पासवान के साथ जेडीयू का छत्तीस का आकंड़ा चल रहा है।
कुशवाहा कर चुके हैं दो बार मुलाकात
राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (RLSP) के मुखिया उपेंद्र कुशवाहा बीते कुछ महीने के दौरान करीब तीन बार सीएम नीतीश कुमार से मुलाकात कर चुके हैं। कहा जा रहा है कि कुशवाहा अपनी पार्टी का जेडीयू में विलय कर रहे हैं और दोनों नेताओं के बीच इसे लेकर लंबी बातचीत भी हो चुकी है। नीतीश से मुलाकात करने के बाद कुछ दिन पहले उपेंद्र कुशवाहा ने खुद स्वीकार किया था कि नीतीश से वह कभी अलग नहीं थे। उनसे मेरा राजनीतिक विरोध था।