नई दिल्ली: ज्ञानवापी मस्जिद का मामला धीरे-धीरे राजनीतिक रंग लेता जा रहा है। कांग्रेस के सीनियर नेता प्रमोद तिवारी ने भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधते हुए बीजेपी ज्ञानवापी मस्जिद मामले में राजनीति करने के लिए एक और अयोध्या मुद्दे की तलाश कर रही है। एएनआई से बात करते हुए, कांग्रेस नेता ने कहा कि मामला अदालत में है लेकिन मैं कहूंगा कि अयोध्या के फैसले के बाद बीजेपी की हालत पंखहीन पक्षी की तरह है क्योंकि वे नौकरियों, महंगाई और 'अच्छे दिनों' पर राजनीति नहीं कर सकते हैं। वे एक और अयोध्या मुद्दे की तलाश कर रहे हैं ताकि वे राजनीति कर सकें।
तिवारी ने कहा कि यह ज्ञानवापी मामले का ध्रुवीकरण करने का बीजेपी का असफल प्रयास है। उन्होंने कहा कि लोग काशी विश्वनाथ मंदिर जाते हैं और ज्ञानवापी मस्जिद भी जाते हैं। बीजेपी राजनीतिक लाभ के लिए इस मुद्दे का ध्रुवीकरण करने की असफल कोशिश कर रही है।
वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर और ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में स्थित श्रृंगार गौरी समेत कई देवी-देवताओं के सर्वे को लेकर विरोध प्रदर्शन हो चुका है। अदालत द्वारा नियुक्त अधिकारी और वकीलों के एक दल ने शुक्रवार को वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद का निरीक्षण किया।
अयोध्या मामले में, सुप्रीम कोर्ट की 5-जजों की बैंच ने नवंबर 2019 में सर्वसम्मति से राम लला के पक्ष में फैसला सुनाया था और कहा था कि 2.7 एकड़ में फैली पूरी विवादित भूमि सरकार द्वारा गठित एक ट्रस्ट को सौंप दी जाएगी, जो साइट पर एक राम मंदिर का निर्माण निगरानी करेगा। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा था कि केंद्र और राज्य सरकार के बीच परामर्श के बाद अयोध्या में एक प्रमुख स्थान पर वैकल्पिक 5 एकड़ भूमि एक मस्जिद के निर्माण के लिए आवंटित की जानी चाहिए। उसके बाद 5 अगस्त 2020 को पीएम मोदी ने अयोध्या में राम मंदिर की आधारशिला रखी।
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