- राहुल गांधी ने कहा कि भाजपा मेक इन इंडिया की बात करती है लेकिन सामान चीन से खरीदती है
- गलवान घाटी की हिंसा के बाद सरकार पर लगातार निशाना साधते आ रहे हैं कांग्रेस नेता राहुल गांधी
- हिंसा के बाद भारत-चीन के रिश्तों में काफी तल्खी आ गई है, भारत ने चीन के 59 ऐप्स पर बैन लगाया है
नई दिल्ली : चीन के ऐप्स पर बैन लगाने के सरकार के फैसले के बाद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है। राहुल ने मंगलवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) 'मेक इन इंडिया' की बात करती है लेकिन सामान चीन से खरीदती है। कांग्रेस नेता ने दावा किया कि यूपीए सरकार की तुलना में एनडीए सरकार के कार्यकाल में चीन से आयात बढ़ गया है। राहुल ने एक ग्राफिक चार्ट के जरिए अपनी बात रखी है।
ट्वीट कर ग्राफिक्स दिखाया
राहुल गांधी ने अपने एक ट्वीट में कहा, 'तथ्य झूठ नहीं बोलते हैं। भाजपा कहती है कि 'मेक इन इंडिया' लेकिन करती है क्या है-वह चीन से सामान खरीदती है।' कांग्रेस नेता ने यूपीए और एनडीए के कार्यकाल के दौरान चीन से हुए आयात का प्रतिशत एक ग्राफ के जरिए दिखाया है। इस ग्राफिक्स में दावा किया गया है कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार जब 2014 में सत्ता से बाहर हुई तो उस समय चीन से आयात 12 से 13 प्रतिशत था लेकिन अब 2020 में यह आयात 17-18 प्रतिशत हो गया है।
गलवान घाटी में 20 जवान हुए हैं शहीद
गत 15 जून की रात गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गए। इसके बाद से कांग्रेस नेता लगातार सरकार पर हमलावर हैं। राहुल की मांग है कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर सरकार स्थिति स्पष्ट करे। कुछ दिनों पहले अपने एक वीडियो संदेश में राहुल ने कहा, 'चीन ने हमारी सीमा में यदि अतिक्रमण किया है तो प्रधानमंत्री मोदी को इसके बारे में बिना डरे देश को बताना चाहिए। पीएम और सेना के साथ पूरा देश खड़ा है। हम मिलकर चीन को वहां से भगाएंगे लेकिन सरकार को यह बताना चाहिए कि संघर्ष वाले स्थान पर हमारे सैनिकों को बिना हथियार के किसने भेजा।'
सरकार से कदम उठाने की मांग
उन्होंने कहा, 'प्रधानमंत्री को सामने आकर सीमा की स्थिति के बारे में देशवासियों को बताना चाहिए। प्रधानमंत्री जी यदि आप कहेंगे कि हमारी जमीन नहीं हड़पी गई है और वस्तुस्थिति कुछ और होगी तो इससे चीन का ही फायदा होगा। चीन ने यदि हमारी जमीन ली है तो उसे हम सभी को मिलकर वहां से खदेड़ना है। सरकार को कार्रवाई के लिए कदम उठाना चाहिए।'