नई दिल्ली: चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत ने रविवार को कहा कि सशस्त्र बलों के जवान कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में अपनी जिम्मेदारी समझते हैं। उन्होंने कहा कि सेनाएं किसी भी ऑपरेशनल टास्क के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा, 'जहां तक सशस्त्र बलों का संबंध है, हम अपनी जिम्मेदारी समझते हैं कि इस समय जब देश कोविड-19 से लड़ रहा है, तब रक्षा सेवाओं को आगे बढ़कर जनता और सरकार का की मदद करना चाहिए।' उन्होंने कहा कि मुझे यह बताते हुए बेहद खुशी हो रही है कि हमारे सभी लोगों ने आरोग्य सेतु ऐप को डाउनलोड कर लिया है। हम यह सुनिश्चित करने में सक्षम होंगे कि कोरोना वायरस का प्रसार न हो सके।
'कोरोना ने कम संख्या में सेना को प्रभावित किया'
न्यूज एजेंसी एनएआई से खास बातचीत में सीडीएस रावत ने कहा, 'हमें यह सुनिश्चित करना है कि हम सुरक्षित रहें, क्योंकि हमारे सैनिक, नाविक और एयरफोर्स इस वायरस से प्रभावित होते हैं, तो हम अपने लोगों की सुरक्षा कैसे करेंगे। कोरोना ने बहुत कम संख्या में तीनों सेनाओं को प्रभावित किया है। अनुशासन और धैर्य से हम इस वायरस को फैलने से रोक सकते हैं।' उन्होंने कहा, 'कोरोना ने हमें आत्मनिर्भर बनने का सबक सिखाया है। अब यह वक्त आ गया है। जब हम क्षेत्रीय शक्ति बनना चाहते हैं, तब हमें दूसरों का सहयोग करना होगा। न कि उनके सपोर्ट पर निर्भर रहना होगा।'
'धैर्य बनाए रखना समय की जरूरत'
जनरल रावत ने लॉकडाउन का हवाला देते हुए कहा कि यह बेसब्र होने का समय नहीं है। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि कोरोना से लड़ने में हमारे देश ने अच्छा किया है और हम आगे भी अच्छा करेंगे। उन्होंने लोगों को सलाह देते हुए कहा, 'हम जानते हैं कि जब देश लॉकडाउन लागू होता है और लोगों को घर के अंदर रहने के लिए कहा जाता है, तो वो बेसब्र हो जाते हैं। लेकिन यह बेसब्र होने का समय नहीं है। अनुशासन सुनिश्चित करने के लिए के लिए सब्र बनाए रखना बहुत महत्वपूर्ण है। सशस्त्र बलों में अनुशासन बनाए रखना ज्यादा मुश्किल नहीं है क्योंकि हम अनुशासन में रहने के आदी हैं। ऐसे में धैर्य बनाए रखना समय की जरूरत है।'