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Assam flood : जानवरों को बचाने की पहल, काजीरंगा पार्क में बनेगा कृत्रिम ऊंचाई वाला स्थल   

Centre acceptes Assam's proposal to construct artificial highland inside Kaziranga national park
Updated Jul 20, 2020 | 12:42 IST

Artificial highland in Kaziranga national park : काजीरंगा नेशनल पार्क (KNP) में जंगली जानवरों को शरण लेने की जगह बनाने के लिए केंद्र सरकार ने एक प्रस्ताव को मंजूरी दी है। केएनपी में हाइलैंड बनाया जाएगा।

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Centre acceptes Assam's proposal to construct artificial highland inside Kaziranga national parkCentre acceptes Assam's proposal to construct artificial highland inside Kaziranga national park
तस्वीर साभार:&nbspPTI
काजीरंगा नेशनल पार्क में सरकार बनाएगी कृत्रिम हाइलैंड।
मुख्य बातें
  • काजीरंगा नेशनल पार्क में जानवरों को बचाने के लिए सरकार बनाएगी कृत्रिम हाइलैंड
  • 32 किलोमीटर लंबा होगा हाइलैंड, पार्क में सबसे बड़ा कृत्रिम ऊंचाई वाला स्थान होगा
  • केएनपी में 144 कृत्रिम हाइलैंड्स हैं। इनमें से 33 का निर्माण साल 2019 में हुआ

जोरहाट : काजीरंगा नेशनल पार्क (केएनपी) में बाढ़ से जानवरों की हो रही मौतों को देखते हुए केंद्र सरकार ने एक अहम फैसला किया है। केंद्र ने केएनपी में 32 किलोमीटर का एक कृत्रिम ऊंचाई वाला स्थान बनाने के लिए राज्य सरकार के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। केएनपी के निदेशक पी शिवकुमार ने टीओआई से बातचीत में रविवार को यह जानकारी दी। अधिकारी ने बताया कि मानसून का मौसम खत्म होने के बाद इस पर काम शुरू कर दिया जाएगा।

पार्क में यह सबसे ज्यादा ऊंचाई वाला स्थान होगा
अधिकारी ने कहा, 'यह पार्क में सबसे बड़ा कृत्रिम ऊंचाई वाला स्थान होगा। यह हाइलैंड काजीरंगा फॉरेस्ट रेंज से शुरू होगा और इसका फैलाव पार्क के छठवें अतिरिक्त इलाके बिश्वनाथ फॉरेस्ट रेंज तक होगा। पार्क में बाढ़ आने पर जानवर इस ऊंचाई वाले स्थान पर शरण ले सकेंगे और जब बाढ़ समाप्त हो जाएगी तब अधिकारी यहां गश्त करेंगे।'

पार्क में है 274 किलोमीटर लंबी सड़क
काजीरंगा पार्क के भीतर 274 किलोमीटर लंबी सड़क है जिसका इस्तेमाल गश्ती के दल के लोग एवं पर्यटक करते हैं। हालांकि इसमें में 20 किलोमीटर लंबी सड़क ही हाइलैंड पर है। चूंकि पार्क में बाढ़ एक महीने पहले आ गई है ऐसे में सड़क का ज्यादातर हिस्सा पानी में डूब गया है। पार्क में 144 कृत्रिम हाइलैंड्स हैं। इनमें से 33 का निर्माण साल 2019 में और 111 का निर्माण साल 1990 में हुआ। इन हाइलैंड्स के निर्माण के बावजूद भी जानवरों के लिए पार्क में जगह कम पड़ रही है। जगह की कमी के चलते जानव नेशनल हाइवे 37 को पार कर कर्बी की पहाड़ियों में चले जाते हैं। केएनपी छोड़ने की वजह से पार्क इस साल अपने 15 हॉग डियर खो चुका है। 

पार्क का 85 प्रतिशत हिस्सा पानी में डूबा
केएनपी और टाइगर रिजर्व दोनों बुरी तरह बाढ़ की चपेट में हैं। केएनपी का करीब 85 प्रतिशत हिस्सा पानी में डूब चुका है। राज्य की प्रमुख चार नदियां-ब्रह्मपुत्र, डिफ्लू, मोरा डिफ्लू और मोरा धनशारी अभी भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। इस वर्ष बाढ़ से केएनपी में अब तक 108 जानवरों की मौत हो चुकी है। इनमें 9 गैंडे और 82 हॉग डियर शामिल हैं। असम में रविवार को बाढ़ की स्थिति में थोड़ा सुधार देखा गया। राज्य में बाढ़ से मरने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 84 हो गई है। वहीं 33 जिलों में से 24 जिलों के 25.30 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। ब्रह्मपुत्र असम की जीवदायिनी नदी है लेकिन इसने विकराल रूप धारण कर लिया है। 

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