- रेजांग ला के उत्तर में स्थित मुखपुरी में गलवान जैसी घटना दोहराने की थी चीन की कोशिश
- सामने आई तस्वीरों ने खोली चीनी पीएलए की पोल, हथियारों से हैं फोटो में लैस
- सोमवार रात को चीन ने लगाया था भारत पर फायरिंग करने का आरोप
नई दिल्ली: रेजांग ला के उत्तर में स्थित मुखपुरी में चीन ने किस कदर गलवान जैसी हिंसक झड़प को दोहराने की तैयारी कर रखी थी इसकी एक तस्वीर सामने आई है। इस तस्वीर में साफ देखा जा सकता है कि चीनी सैनिक पूरी तैयारी के साथ भारतीय इलाके में घुसकर हमला करना चाहते थे जिसे हमारे जांबाजों ने न केवल नाकाम कर दिया बल्कि चीनी सैनिकों को वापस जाने पर भी मजबूर कर दिया। 'उल्टा चोर कोतवाल को डांटे' वाली कहावत को चरितार्थ करते हुए चीन ने भारत पर ही झूठा आरोप लगाते हुए कहा था कि जब उसके सैनिक बातचीत के लिए गए थे तो भारत की तरफ से उकसावे वाली कार्रवाई हुई।
वायरल हुई तस्वीर
सरकारी सूत्रों ने मंगलवार को बताया कि चीनी सैनिकों ने सोमवार शाम पूर्वी लद्दाख में रेजांग-ला की रिगलाइन के मुखपारी इलाके में भारतीय सीमा में घुसने की कोशिश की। इस दौरान चीनी पीएलए सैनिकों के हाथ में छड़ें, भाले, डंडे और धारदार हथियार थे। इसकी तस्वीर अब सोशल मीडिया में जमकर वायरल हो रही है। वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर तनाव बढ़ने के कारण, चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के लगभग 50-60 सैनिकों ने शाम 6 बजे के आसपास पैंगॉन झील क्षेत्र के दक्षिणी तट में भारतीय पोस्ट में घुसने की कोशिश की लेकिन वहां तैनात भारतीय सैन्य कर्मियों ने उनका दृढ़ता मुकाबला कर उन्हें वहां से खदेड़ दिया।
गलवान दोहराने की थी कोशिश!
आपको बता दें कि इसी तरह चीनी सैनिकों ने 15 जून को पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में धोखे से भारतीय सैनिकों पर हमला कर दिया था। इस दौरान चीनी सैनिकों ने पत्थरों, नेल-स्टड, लोहे की छड़ों और भाले के साथ भारतीय सैनिकों पर बर्बरतापूर्ण हमला किया था, जिसमें 20 भारतीय सेना के जवान शहीद हो गए थे। हालांकि भारतीय सैनिकों ने भी मुहतोड़ जवाब दिया था जिसमें चीन के करीब 30 से अधिक सैनिक मारे गए थे, जिसकी चीन ने अभी तक पुष्टि नहीं की है। सूत्रों ने कहा कि सोमवार शाम को भी चीनी सैनिक छड़, भाले, डंडे और तेज हथियार लेकर आ रहे थे।
चीनी सैनिकों ने चलाई गोलियां
जब भारतीय सेना ने चीनी सैनिकों को वापस जाने के लिए मजबूर किया, तो उन्होंने भारतीय सैनिकों को भयभीत करने के लिए हवा में 10-15 गोलियां चलाईं। वास्तविक नियंत्रण रेखा पर 45 साल के अंतराल के बाद गोली चली है। इससे पहले एलएसी पर गोली चलने की घटना 1975 में हुई थी। सूत्रों ने कहा कि भारतीय सैनिकों ने किसी भी तरह की फायरिंग का इस्तेमाल नहीं किया। चीन के सैनिकों का प्रयास भारतीय सेना को मुखपारी और रेजांग-ला क्षेत्रों में स्थित रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण चोटियों से हटाना था।