- फिंगर एरिया में भारत और चीन की तरफ से डिस्इंगेजमेंट की प्रक्रिया शुरू
- समझौते के मुताबिक चीनी सेना फिंगर 4 के और पूर्व और भारतीय सेना फिंगर तीन पर चली जाएगी
- इस प्रक्रिया के बाद दोबारा बैठक होगी और दोनों तरफ से स्थाई निर्माण के बारे में कार्यदिशा तय की जाएगी।
नई दिल्ली। शुक्रवार को सदन को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बताया कि भारत और चीन दोनों देशों की सेनाएं फिंगर एरिया में अपने पहले की स्थिति में चली जाएंगी और इसकी प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। दोनों देशों के बीच समझौते के मुताबिक चीन फिंगर 8 के और पूरब और भारत फिंगर 3 पर चला जाएगा। लेकिन विवाद यहीं से शुरू हुआ है कि भारत ने अपनी पवित्र जमीन के टुकड़े को चीन को सौंप दिया है। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने इस विषय पर आरोप मढ़े तो रक्षा मंत्रालय ने उनके बयान को सिरे से खारिज कर दिया। इसके साथ ही बीजेपी ने पलटवार किया।
जे पी नड्डा का पलटवार
जे पी नड्डा ने कहा कि हाल ही में डिस्इंगेजमेंट की जो प्रक्रिया शुरू हुई है उसमें भारतीय जमीन को नहीं दिया गया है। अगर किसी ने देश की हजारों किमी जमीन को देने का अपराध किया था वो एक भ्रष्टाचार और वंशवादी राजनीति करने वाले थे जिन्होंने सत्ता में बने रहने के लिए तरह तरह के अपराध किए।
- नई प्रक्रिया में जमीन पर किसी तरह का समझौता नहीं है।
- क्या चीन और कांग्रेस की बीच किसी तरह का समझौता है।
- आज कांग्रेस सर्कस का नया संस्करण सामने आया है।
कांग्रेस पार्टी का रिकॉर्ड सशस्त्र बलों के लिए अविश्वास दिखाता है। यह सार्वजनिक ज्ञान का विषय है कि UPA ने कभी भी हमारी सेनाओं पर भरोसा नहीं किया और हमेशा मुंबई की तरह हमलों के बाद अपने हाथों को बांध कर रखा। इसलिए जिन लोगों को कभी भी भारतीय सेना पर विश्वास नही रहा वो लोग हमेशा इस तरह की बात कर जनता के भरमाने और बरगलाने की कोशिश करते रहते हैं।
आखिर क्या है सवाल
अब सवाल क्या है, यह समझना जरूरी है। भारत और चीन के समझौते के बीच फिंगर एरिया में फिंगर 8 के और पूरब चीन को जाना है और भारत फिंगर तीन पर चला जाएगा। अब सवाल यही है कि क्या भारत फिंगर 4 से पीछे जा रहा है। इस तरह के आरोप कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की तरफ से लगाए गए हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना फिंगर 4 से लेकर आठ तक थी। अब जिस तरह से दोनों देशों की सेनाएं पीछे लौट रही हैं उससे साफ है भारत की मौजूदा सरकार ने चीन के हाथों जमीन सौंप दी है।
रक्षा मंत्रालय का जवाब
राहुल गांधी के इस तरह के आरोप पर जवाब में रक्षा मंत्रालय ने कहा कि यह दावा कि भारतीय क्षेत्र फिंगर 4 तक थी गलत है। भारत के क्षेत्र को भारत के नक्शे के अनुसार दर्शाया गया है और इसमें 1962 से चीन के अवैध कब्जे के तहत वर्तमान में 43,000 वर्ग किमी शामिल है। यहां तक कि भारतीय धारणा के अनुसार, LAC, फिंगर 8 में नहीं है।