- गत 14 सितंबर को हाथरस में दलित समुदाय की लड़की के साथ चार लोगों ने किया गैंगरेप
- आरोपियों ने लड़की को यातनाएं दीं, घटना किसी को न बता पाए इसलिए उसकी जीभ काट दी
- लड़की को गंभीर हालत में इलाज के लिए सोमवार को दिल्ली लाया गया जहां उसने दम तोड़ दिया
नई दिल्ली : हाथरस में गैंगरेप का शिकार दलित लड़की की मौत के बाद उत्तर प्रदेश सरकार विपक्ष के निशाने पर आ गई है। कांग्रेस, सपा, बसपा, आप और एआईएमआईएम ने कानून-व्यवस्था को लेकर राज्य की योगी सरकार को कठघरे में खड़ा किया है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गाधी ने कहा कि यूपी में महिलाओं की सुरक्षा का नाम-ओ-निशान नहीं है। उन्होंने आरोपियों को कड़ी सजा देने की मांग की। ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने योगी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि राज्य में दलितों पर हमले बढ़ते जा रहा हैं। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, बसपा सुप्रीमो मायवाती ने पीड़ित परिजनों को न्याय दिलाने की मांग करते हुए आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है।
14 सितंबर की है घटना
गत 14 सितंबर को हाथरस में 20 साल की लड़की के साथ चार युवकों ने गैंगरेप किया। लड़की के साथ दुष्कर्म करने के बाद आरोपियों ने उसके साथ बर्बरता की। लड़की अपने साथ हुए घटना की जानकारी किसी और को न बताए इसलिए उन्होंने कथित रूप से जीभ काट दी और रीढ़ की हड्डी तोड़ दी। गंभीर हालत में पीड़ित का कई दिनों तक अलीगढ़ के एक अस्पताल में इलाज चला। पीड़िता की हालत में सुधार न होने पर उसे सोमवार को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में भर्ती किया गया जहां मंगलवार सुबह उसने दम तोड़ दिया।
पुलिस पर कार्रवाई न करने का आरोप
पीड़ित परिजनों का आरोप है कि इस मामले में पुलिस पहले कार्रवाई करने के लिए तैयार नहीं हुई लेकिन जब लोगों का गुस्सा बढ़ा तो वह सक्रिय हुई। वहीं, पुलिस ने परिजनों के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि वह सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल पहुंचा चुकी है। इस मामले को वह फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाने पर वह जोर देगी।
उत्तर प्रदेश के एडीजी लॉ एवं आर्डर प्रशांत कुमार ने कहा कि इस में जल्द से जल्द चार्जशीट दाखिल करेंगे। हम आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाएंगे।'
जल्दी दायर करेंगे आरोपपत्र-पुलिस
पुलिस अधिकारी ने कहा, 'पहली बार केएमयू ट्रामा सेंटर में 22 सितंबर को गैंगरेप की बात सामने आई। राज्य सरकार के निर्देश पर कल दिल्ली शिफ्ट किया गया था। महिलाओं के खिलाफ हमारी नीति जीरो टॉलरेंस की है।'
वहीं, निर्भया की मां ने टाइम्स नाउ के साथ बातचीत में कहा कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी राज्य सरकार पर होती है। ऐसा लगता है कि हम वापस 2012 की स्थिति में आ गए हैं। उन्होंने कहा, 'पूरी व्यवस्था में आमूल-चूल बदलाव करने की जरूरत है। कानून-व्यवस्था में काफी बदलाव करना होगा।'