- प्रियंका गांधी ने पूछा टीकाकरण के लिए बजट में आवंटित 35 हजार करोड़ कहां गए
- सरकार की वैक्सीनेशन में ढेरों खामियां, 'अंधेर टीकानीति, चौपट राजा चरितार्थ'
- उच्चतम न्यायालय ने वैक्सीन नीति की समीक्षा के दिए हैं निर्देश
कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई में वैक्सीन को संजीवनी बताया जा रहा है। देश में टीकाकरण के तहत कोविशील्ड और कोवैक्सीन लगाई जा रही है और इसके साथ स्पूतनिक वी लाइन में है। यही नहीं अगर भारत सरकार ने फाइजर- माडर्ना की कुछ शर्तों पर हामी भर दी तो वैक्सीन की झोली और भर जाएगी। लेकिन टीकाकरण की धीमी गति पर कांग्रेस महासचिन प्रियंका गांधी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि अंधेर टीकानीति, चौपट राजा।
कहां गए 35 हजार करोड़
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने कोरोना रोधी टीकाकरण की गति कथित तौर पर धीमी होने को लेकर बृहस्पतिवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधा और सवाल किया कि मौजूदा वित्त वर्ष के बजट में टीकाकरण के लिए आवंटित 35 हजार करोड़ रुपये की राशि कहां खर्च की गई।
प्रियंका गांधी का खास ट्वीट
उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘मई- टीका उत्पादन क्षमता: 8.5 करोड़। टीका उत्पादन: 7.94 करोड़टीका लगा: 6.1 करोड़। जून- सरकारी दावा 12 करोड़ टीके आएंगे। कहां से? क्या दोनों वैक्सीन कंपनियों की उत्पादकता में 40 प्रतिशत का इजाफा हो गया? वैक्सीन बजट के 35000 करोड़ कहां खर्च किए?’’प्रियंका ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘अंधेर टीका नीति, चौपट राजा। कांग्रेस पिछले कुछ महीनों से टीका की उपलब्धता बढ़ाने के लिए कई कंपनियों को लाइसेंस देने तथा मुफ्त टीकाकरण की मांग कर रही है।
टीकाकरण नीति की समीक्षा के निर्देश
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को उच्चतम न्यायालय द्वारा केन्द्र सरकार को टीकाकरण नीति की समीक्षा और 31 दिसम्बर तक टीकों की अनुमानित उपलब्धता का खाका पेश करने के निर्देश देने का स्वागत किया है। मुख्यमंत्री ने ट्वीट के जरिये कहा, ‘‘मैं उच्चतम न्यायालय के उस आदेश का स्वागत करता हूं जिसमें शीर्ष अदालत ने केन्द्र सरकार से अपनी टीकाकरण नीति की समीक्षा करने और 31 दिसंबर 2021 तक टीकों की अनुमानित उपलब्धता का रोडमैप ऑन रिकार्ड रखने के लिये कहा है। उन्होंने कहा कि पूरा देश केन्द्र की टीकाकरण नीति को लेकर चिंतित है क्योंकि कीमती जीवन दांव पर लगे हैं और अब अदालत लोगों के बचाव में आई है।