- पिछले साल देश पर रहा कोरोना वायरस का कहर
- लॉकडाउन में प्रवासी मजदूरों को हुई खूब परेशानी
- लॉकाडाउन में ढील देने के बाद बढ़े केस और खूब मौतें हुईं
कल यानी 30 जनवरी 2021 को कोरोना वायरस महामारी को भारत में एक साल पूरा हो गया। पिछले साल 30 जनवरी को केरल में कोविड 19 का पहला मामला सामने आया था। इस दिन एक मेडिकल स्टूडेंट चीन के वुहान से त्रिसूर लौटा था। उस समय वुहान इस महामारी का केंद्र बना हुआ था। इसके तुरंत बाद 2 और 3 फरवरी को देश में दूसरे और तीसरे मामले सामने आए, ये दोनों भी वुहान से लौटे थे।
इसके बाद 2 मार्च, 2020 को भारत में केरल के बाहर दिल्ली-एनसीआर में पहला मामला दर्ज किया। कुल मामले बढ़कर 5 हो गए। 3 मार्च को भारत ने 1 मार्च को और उसके बाद चीन, ईरान, इटली, दक्षिण कोरिया और जापान की यात्रा करने वाले विदेशी नागरिकों के वीजा को निलंबित कर दिया। 12 मार्च को देश में कोरोनो वायरस के कारण पहली मौत हुई। कर्नाटक के कलबुर्गी में 76 वर्षीय व्यक्ति का निधन हुआ।
मामले बढ़ने लगे और 20 मार्च को भारत ने सभी निर्धारित अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को निलंबित कर दिया। 25 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की। लॉकडाउन का पहला चरण 25 मार्च को लागू हुआ। घरेलू उड़ानों को भी निलंबित कर दिया गया।
तेजी से बढ़ने लगे मामले
इसके बाद से लगातार धीरे-धीरे मामले बढ़ने लगे और लॉकडाउन भी आगे बढ़ता रहा। इस दौरान लाखों मजदूर अपने-अपने घरों की ओर लौटने लगे। हजारों की संख्या में मजदूर पैदल ही चल दिए। कइयों की रास्ते में मौत हो गई। बाद में उनके लिए ट्रेनें चलाई गईं। मई के बाद से लॉकडाउन में धीरे-धीरे ढील देना शुरू हुआ। लोग बाहर निकलने लगे और ढिलाई बरतने लगे, जिससे केस और तेजी से बढ़ने लगे। आगे चलकर देशभर में एक-एक दिन में 80-90 हजार से ज्यादा केस आने लगे और 500-600 और 1000 तक मौतें होने लगीं।
1 करोड़ से ज्यादा मामले
पिछले कुछ दिनों से अब कोरोना के मामलों में कमी देखी जा रही है। वर्तमान में देश में कोरोना के कुल मामले 1 करोड़ 7 लाख से ज्यादा हैं। 1 करोड़ 4 लाख से ज्यादा लोग ठीक हो चुके हैं। 30 जनवरी तक के आंकड़ों के अनुसार,अभी तक इस महामारी से देश में 1,54,147 की मौत हो गई है। देशभर में कोरोना वायरस के 1,69,824 मरीजों का इलाज चल रहा है जो संक्रमण के कुल मामलों का 1.58 फीसदी है। कोविड-19 के कारण मरने वालों की दर 1.44 फीसदी है। भारत में सात अगस्त को संक्रमितों की संख्या 20 लाख, 23 अगस्त को 30 लाख और पांच सितम्बर को 40 लाख से अधिक हो गई थी। संक्रमण के कुल मामले 16 सितम्बर को 50 लाख, 28 सितम्बर को 60 लाख, 11 अक्टूबर को 70 लाख, 29 अक्टूबर को 80 लाख और 20 नवम्बर को 90 लाख और 19 दिसम्बर को एक करोड़ के पार चले गए थे।
37 लाख से अधिक लोगों को लगा टीका
इस महामारी को काबू करने के लिए एक कदम और आगे बढ़ाते हुए देश में टीकाकरण शुरू हो चुका है। देश भर में अब तक 37 लाख से अधिक स्वास्थ्य कर्मियों को कोविड-19 का टीका लगाया जा चुका है। शनिवार को टीकाकरण के 15वें दिन 2,06,130 लोगों को टीका लगाया गया। अब तक उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक 4,63,793 स्वास्थ्य कर्मियों को टीका लगाया गया है। इसके बाद राजस्थान में 3,26,745 स्वास्थ्य कर्मियों को, कर्नाटक में 3,15,343, मध्य प्रदेश में 2,73,872 और महाराष्ट्र में 2,69,064 स्वास्थ्य कर्मियों को टीका लगाया जा चुका है। भारत ने न केवल सबसे तेजी से 10 लाख लोगों को टीका लगाने का लक्ष्य हासिल किया है बल्कि 20 लाख और 30 लाख लोगों को टीका लगाने के मामले में भी देश पहले पायदान पर रहा है।