नई दिल्ली: इस समय चीन में फैले कोरोना वायरस (Coronavirus) का डर कई जगहों पर महसूस किया जा रहा है, भारत भी इस डर से अछूता नहीं हैं इसके पीछे की वजह भी साफ है दरअसल भारत के तमाम स्टूडेंट्स चीन के कई शहरों में पढ़ते हैं वहीं व्यापार और अन्य काम के सिलसिले में भी भारतीयों का चीन आना जाना लगा रहता है।
ऐसे में भारत भी इसको लेकर बेहद सजग है और इस बारे में जरुरी सुरक्षात्मक उपाय किए जा रहे हैं। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर पीएम के प्रिंसिपल सेक्रेटरी ने चीन में फैले कोरोनावायरस प्रकोप पर एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। बैठक के दौरान अधिकारियों ने कोरोनोवायरस के प्रसार से जुड़े हाल के घटनाक्रम, उससे निपटने की तैयारियों और प्रतिक्रिया उपायों पर प्रिंसिपल सेक्रेटरी को अवगत कराया।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने अस्पताल की तैयारियों, लैबोरेट्री संबंधी तैयारियों, रैपिड रिस्पांस टीमों की क्षमता निर्माण के लिए किए गए उपायों और मंत्रालय द्वारा किए गए व्यापक निगरानी गतिविधियों के बारे में प्रिंसिपल सेक्रेटरी को जानकारी दी। प्रिंसिपल सेक्रेटरी ने नागरिक उड्डयन मंत्रालय जैसे अन्य मंत्रालयों द्वारा उठाए गए निवारक कार्यों की भी समीक्षा की।
अधिकारियों ने प्रिंसिपल सेक्रेटरी को आश्वासन दिया कि स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा कई अन्य केंद्रीय मंत्रालयों के साथ-साथ राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ स्थिति की बारीकी से निगरानी की जा रही है।
अब तक 7 अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों पर 115 उड़ानों में से 20,000 लोगों की जांच की जा चुकी है। पूरे देश में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी लैब वायरस का परीक्षण करने के लिए पूरी तरह से सुसज्जित हैं, सभी राज्य और जिला स्वास्थ्य अधिकारी सतर्क हो गए हैं और लूप में हैं।
कैबिनेट सचिव, सचिव गृह मंत्रालय, सचिव विदेश मंत्रालय, रक्षा सचिव, सचिव स्वास्थ्य और परिवार कल्याण, सचिव नागरिक उड्डयन और कई अन्य शीर्ष अधिकारियों ने इस बैठक में भाग लिया।