लाइव टीवी

Coronavirus Recovery Rate: कोरोना का बेहतर होता रिकवरी रेट, भारत के लिए क्यों है राहत की बात

Coronavirus Recovery Rate
Updated May 20, 2020 | 10:41 IST

भारत में कोरोना वायरस के मरीजों के ठीक होने की तादाद बढ़ रही है। भारत का रिकवरी रेट लगातार सुधर रहा है।

Loading ...
Coronavirus Recovery RateCoronavirus Recovery Rate
सांकेतिक फोटो

नई दिल्ली: भारत में कोरोना वायरस संक्रमितों का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है। रोजाना हजारों की संख्या में इस आंकड़े में इजाफा देखने को मिल रहा है। देश में कोरोना मामलों की संख्‍या एक लाख के पार पहुंच चुकी है। हालांकि, इस दौरान एक अच्छी खबर भी सामने आई है, जो भारत के लिए बड़ी राहत की बात है। भारत का रिकवरी रेट यानी ठीक हुए मरीजों की दर लगातार बढ़ रही है। देश में अब तक कोरोना के सक्रिय केसों में बढ़ोतरी कुल बढ़ोतरी दर की तुलना में धीमी रही है। यह रिकवरी की बढ़ती संख्या को दर्शाता है। महामारी की शुरुआत में भारत का रिकवरी रेट 10-11 प्रतिशत ही था जिसमें काफी सुधार हुआ है। 

इस वक्त कितना है रिकवरी रेट?

भारत में मई की शुरुआत में कोरोना मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ना शुरू हुई, तब रिकवरी रेट 25 प्रतिशत के करीब था। इसके बाद केसों में उछाल और आंकड़ा बढ़ता ही गया। मंगलवार सुबह देश में कोरोना के 1,01,139 मामले थे। इनमें से 39,174 मरीज ठीक होने के बाद अस्‍पताल से घर लौट गए हैं। केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय ने मंगलवार को बताया कि इस वक्त देश में कोविड-19 रोगियों का रिकवरी रेट 38.73 फीसद है। महामारी से रिकवर होने वालों की संख्‍या बढ़ना इन मुश्किल हालात में सकारात्मक दृष्टि से बेहद अहम है।

किस राज्य में सबसे अच्छा है रिकवरी रेट?

देश सबसे अच्छा रिकवरी रेट आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में है। इन दोनों राज्यों में रिकवरी रेट 63 प्रतिशत है। उत्‍तर प्रदेश में 60%, राजस्थान में 58%, मध्य प्रदेश में 47%, दिल्ली में 45%, कर्नाटक में 43%, गुजरात में 41% और तमिलनाडु में 37%  है। देश के 23 राज्‍य/केंद्रशासित प्रदेशों में रिकवरी रेट 40% से ज्‍यादा है। वहीं, 17 राज्‍यों/केंद्रशासित प्रदेशों में यह आंकड़ा 50% या उससे ज्‍यादा है। लेकिन देश में रिकवरी रेट पर सबसे महाराष्‍ट्र की वजह से पड़ा है। यह 35 हजार से ज्‍यादा कोरोना मामले हैं और रिकवरी रेट 24% है।

भारत में काफी धीमी गति से बढ़े मामले 

अन्य देशों की तुलना में भारत में कोरोना के मामले काफी धीमी गति से बढ़े हैं। भारत में प्रति लाख आबादी पर कोरोना मामलों की संख्या 7.1 है जबकि वैश्विक आंकड़ा प्रति एक लाख की आबादी पर 60 मामलों का है। देश में वायरस के संक्रमण के केस 64 दिन में 100 से एक लाख तक पहुंचे। दूसरी तरफ, अमेरिका में कोरोना के मामले 25 दिन में 100 से एक लाख हुए थे। स्पेन में कोरेाना के मामलों को एक लाख होने में 30 दिन लगे थे। वहीं, जर्मनी को 35 दिन, इटली को 36 दिन, फ्रांस को 39 दिन और ब्रिटेन को 100 से एक लाख तक पहुंचने में 42 दिन लगे थे।

मृत्‍यु दर दुनिया से बेहतर

भारत में प्रति एक लाख आबादी पर कोरोना से मौत के करीब 0.2 मामले आए हैं जबकि दुनिया का आंकड़ा 4.1 मृत्यु प्रति लाख का है। अमेरिका में प्रति एक लाख आबादी पर यह दर 26.6 की है। ब्रिटेन में संक्रमण से मृत्यु की दर करीब 52.1 लोग प्रति एक लाख है। इटली में यह दर करीब 52.8 मृत्यु प्रति लाख जनसंख्या है। वहीं, फ्रांस में मृत्यु दर 41.9 है जबकि स्पेन में प्रति लाख यह दर करीब 59.2 है। जर्मनी, ईरान, कनाडा, नीदरलैंड और मेक्सिको में यह दर क्रमश: लगभग 9.6, 8.5, 15.4, 33.0 और 4.0 मौत प्रति लाख आबादी है। इसके अलावा चीन में कोविड-19 के कारण मौत की दर करीब 0.3 मृत्यु प्रति लाख आबादी है। 

Times Now Navbharat पर पढ़ें India News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।