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Cyclone Amphan की तबाही, पानी में डूबा कोलकाता एयरपोर्ट, See Pics

Cyclone Amphan destroys hangers of Kolkata airport planes sunk in water
Updated May 21, 2020 | 15:39 IST

Cyclone Amphan destroys Kolkata airport: पश्चिम बंगाल में करीब छह घंटे तक सक्रिय रहने वाले तूफान का असर कोलकाता हवाईअड्डे पर भी देखा गया है। यहां तूफान के साथ आए बारिश की वजह से हवाईअड्डे पर पानी भर गया।

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Cyclone Amphan destroys hangers of Kolkata airport planes sunk in waterCyclone Amphan destroys hangers of Kolkata airport planes sunk in water
तस्वीर साभार:&nbspPTI
चक्रवात अम्फान के साथ हुई बारिश से कोलकाता एयरपोर्ट पर भरा पानी।
मुख्य बातें
  • बुधवार दोपहर बाद दीघा तट से टकराया बंगाल की खाड़ी से उठा चक्रवात अम्फान
  • चक्रवात ने पहुंचाई भारी क्षति, 12 लोगों की जान गई, पेड़ और मकान हुए क्षतिग्रस्त
  • कोलकाता एयरपोर्ट पर भर गया बारिश का पानी, उड़ानें गुरुवार सुबह तक रोकी गईं

नई दिल्ली : चक्रवात अम्फान ने पश्चिम बंगाल में भीषण तबाही मचाई है। प्रचंड तूफान और बारिश ने कच्चे मकानों एवं पेड़ों को जमीन से उखाड़ दिया है। कई जगहों पर ट्रांसफॉर्मर में आग लगने की घटना हुई है। इस चक्रवाती तूफान की चपेट में आने से कम से कम 12 लोगों की मौत हुई है। इन दोनों राज्यों में कहर बरपाने के बाद चक्रवात बांग्लादेश की ओर बढ़ गया है। बांग्लादेश में भी भारी तबाही होने की खबर है। यहां सात लोगों के मारे जाने की बात कही गई है।

पश्चिम बंगाल में करीब छह घंटे तक सक्रिय रहने वाले तूफान का असर कोलकाता हवाईअड्डे पर भी देखा गया है। यहां तूफान के साथ आए भारी बारिश की वजह से हवाईअड्डे पर हर जगह पानी भर गया। हवाईअड्डे के रनवे एवं हैंगर्स में विमान पानी में डूबे नजर आए। यहां बुधवार शाम करीब 120 किलोमीटर प्रतिघंटे के रफ्तार से हवाएं चलीं।

Kolkataairport

आंधी एवं तूफान से हवाईअड्डे के दो हैंगर्स को काफी क्षति पहुंची है। हवाईअड्डे पर तूफान के असर को देखते हुए उड़ानों को गुरुवार सुबह पांच बजे तक बंद कर दिया गया। एयरपोर्ट के निदेशक ने कहा, ' चक्रवात अम्फान को देखते हुए कोलकाता एयरपोर्ट से गुरुवार सुबह पांच बजे तक सभी उड़ानों पर रोक लगा दी गई है। इनमें वे भी विशेष विमान शामिल हैं जो कोविड-19 के अभियान से जुड़े हैं।'

बता दें कि बंगाल की खाड़ी से उठा चक्रवात बुधवार शाम ढाई बजे के करीब दीघा तट से टकराया। तूफान इतना प्रचंड था कि इसने इलाके में पेड़ों को जमीन से उखाड़ दिया और बड़ी संख्या में कच्चे एवं पुराने मकानों को क्षति पहुंचाई। रास्तों पर जमींदोज हुए पेड़ों को काटकर हटाना पड़ा है। 

अधिकारियों के अनुसार चक्रवात आने से पहले पश्चिम बंगाल और ओडिशा में कम से कम 6.58 लाख लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया था। मौसम विभाग के अनुसार पश्चिम बंगाल तट पर पहुचने के समय चक्रवात के केंद्र के पास हवा की गति 160-170 किमी प्रति घंटे थी। चक्रवाती तूफान की भयावहता बताने वाले कई वीडियो सामने आए हैं।

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