- सोनिया गांधी के खिलाफ एफआईआर रद्द करने के लिए येदियुरप्पा सरकार से मांग
- पीएम केयर्स फंड की सोनिया गांधी ने आलोचना की थी।
- कोरोना काल में पीएम आपदा राहत कोष के अलावा इस फंड की स्थापना की गई थी।
नई दिल्ली। पीएम केयर्स फंड इस समय चर्चा में है। विपक्ष का आरोप है कि जब पहले पीएन आपदा राहत फंड है तो इसकी क्या जरूरत थी। कांग्रेस की तरफ से कई तरह के आरोप लगाए गए कि ये तो टैक्सपेयर्स के साथ धोखा है। इस फंड का कोई हिसाब किताब नहीं है। इस संबंध में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी आलोचना की थी। पीएम केयर्स फंड के संबंध में कर्नाटक में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई और अब कांग्रेस उस एफआईआर को दर्ज करने की मांग कर रही है।
सोनिया गांधी के खिलाफ एफआईआर की वजह
अब पूरा मामला क्या है इसे समझने की जरूरत है। कर्नाटक कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डी के शिवकुमार ने सीएम येदियुरप्पा को खत लिख कर कहा कि के वी प्रवीन कुमार से जो बीजेपी के कार्यकर्ता और वकील हैं उन्होंने शिवमोग्गा जिले के सागर पुलिस स्टेशन में सोनिया गांधी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। एफआईआर दर्ज कराने के पीछे राजनीतिक मकसद है। उन्होंने कहा कि मौजूदा केंद्र सरकार में क्या कोई व्यवस्था पर सवाल नहीं उठा सकता है.क्या देश का नागरिक सरकार से सवाल नहीं कर सकता है। लेकिन जिस तरह से प्रतिशोध में कार्रवाई की जा रही है वो लोकतंत्र के लिए सही नहीं है।
कोविड 19 के खिलाफ लड़ाई में कोई रोडमैप नहीं
कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी मौजूदा केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहती हैं कि कोविड 19 के लिए कोई निश्चित रोडमैप नहीं है। सरकार किस्तों में ऐलान करती है जिससे पता चलता है कि बिना किसी ठोस नीति के वो इस आपदा के खिलाफ लड़ाई लड़ रही है। एक तरफ सरकार 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज का ऐलान करती है। लेकिन वो आर्थिक पैकेज कम कर्ज का पैकेज नजर आता है। उन्होंने कहा कि अगर किसी राष्ट्रीय पार्टी की मुखिया सवाल करती हैं तो वो कहां से गलत हो जाता है। दरअसल यह सरकार अपनी नाकामियों को छिपाने की कोशिश कर रही है।