- कोरोना संक्रमण के मामले बढ़कर पौने पांच लाख के करीब जा पहुंचे हैं
- वहीं संक्रमण से जान गंवाने वालों की संख्या 15 हजार के करीब पहुंच गई है
- महाराष्ट्र और दिल्ली में कोरोना वायरस संक्रमण के सबसे अधिक मामले हैं
नई दिल्ली : देश में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच कोविड-19 के इलाज के लिए हेटेरो हेल्थकेयर की वायरल रोधी दवा कोविफोर (रेमडेसिवीर) की पहली खेप जिन राज्यों को मिलनी है, उनमें महाराष्ट्र और दिल्ली भी शामिल हैं, जहां देश में कोरोना वायरस संक्रमण के सबसे अधिक मामले हैं। हेटेरो ने दिल्ली, महाराष्ट्र, गुजरात, तमिलनाडु और तेलंगाना के लिए इस दवा की पहली खेप भेजी है।
रेमडेसिवीर का जेनेरिक संस्करण है कोविफोर
कोविफोर कोरोना वायरस संक्रमण के इलाज में कारगर मानी जा रही रेमडेसिवीर का पहला जेनेरिक संस्करण है। 100 मिलीग्राम की एक शीशी (इंजेक्शन लगाने के लिए) की कीमत 5,400 रुपये है। बताया जा रहा है कि कोरोना संक्रमित मरीजों को पहले दिन इसका 200 मिलीग्राम डोज देने की अनुशंसा की गई है, जबकि अगले पांच दिनों तक फिर 100 मिलीग्राम डोज देने की बात कही जा रही है। इसके वयस्कों और बच्चों, दोनों में प्रभावी होने का दावा किया जा रहा है।
अगली खेप पटना, इंदौर भोपाल व अन्य शहरों में
इस दवा की अगली खेप कोलकाता, इंदौर, भोपाल, लखनऊ, पटना, भुवनेश्वर, रांची, विजयवाड़ा, कोच्चि, त्रिवेंद्रम और गोवा में आपूर्ति की जाएगी, जहां संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। कंपनी का कहना है कि उसने अगले तीन-चार सप्ताह में इस दवा की एक लाख शीशी बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
कोरोना के इलाज में कितनी कारगर होगी ये दवा?
कोरोना के इलाज में यह दवा कितनी कारगर होगी, इसके बारे में फिलहाल पुख्ता तौर पर कुछ भी नहीं कहा जा सकता है। फार्मा कंपनियों ने जहां कोरोना महामारी के खिलाफ जंग में इसे मददगर बताया है, वहीं विशेषज्ञों का कहना है कि इसका पता आने वाले दिनों में ही चल पाएगा कि इस दवा का मरीजों पर कितना असर होता है और संक्रामक रोग से उबरने में उन्हें इससे कितनी मदद मिलती है।
हेटेरो ने रविवार को कहा था कि उसे कोविफोर के विनिर्माण और विपणन के लिए भारतीय दवा महानियंत्रक (DGCI) से मंजूरी मिली है।