दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल का सपना जल्दी ही पूरा होने वाला है, इस दिशा में प्रोग्रेस हुई है, रीजनल रैपिड ट्रांसिट सिस्टम (RRTS) का पहला ट्रेनसेट गुजरात के सावली में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (NCRTC) को 8 मई को सौंपा गया है, बटन के क्लिक के साथ ट्रेनसेट रोलआउट की प्रक्रिया शुरू हुई।
एल्सटॉम के मैनेजिंग डायरेक्टर ने पहली आरआरटीएस ट्रेनसेट की चाबियां एनसीआरटीसी के प्रबंध निदेशक को सौंपी, इस रोलआउट के साथ ही, इन ट्रेनों का डिलिवरी की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
NCRTC के अध्यक्ष ने बताया कि यात्रियों की सुविधा के लिए ट्रेन सुविधाओं से भरपूर है। ट्रेन में वाई-फाई और इंफोटेनमेंट सिस्टम होगा, बताया जा रहा है कि पहला ट्रेनसेट जल्द ही गाजियाबाद के दुहाई डिपो पहुंचेगा।
Rapid Rail की खासियतों पर डाल लें एक नजर-
- अल्ट्रा-आधुनिक आरआरटीएस ट्रेनों में एगॉनॉमिक रूप से डिज़ाइन की गई 2x2 ट्रांसवर्स सीटिंग, आरामदायक स्टैंडिंग स्पेस
- लगेज रैक की सुविधा भी इस ट्रेन में मिलेगी
- सीसीटीवी कैमरा, लैपटॉप / मोबाइल चार्जिंग सुविधा
- डायनेमिक रूट मैप
- इंफोटेनमेंट सिस्टम, रोशनी-आधारित ऑटो नियंत्रण प्रकाश व्यवस्था
- तापमान नियंत्रण प्रणाली और अन्य सुविधाएं होंगी
- वातानुकूलित आरआरटीएस ट्रेनों में मानक के साथ प्रीमियम वर्ग (प्रति ट्रेन एक कोच) होगा
- एक कोच महिला यात्रियों के लिए आरक्षित होगा
सावली में स्थित विनिर्माण सुविधा पहले आरआरटीएस कॉरिडोर के लिए कुल 210 कोचों (40 ट्रेनसेट) की डिलीवरी करेगी। इसमें दिल्ली-गाजियाबाद- मेरठ कॉरिडोर पर क्षेत्रीय परिवहन सेवाओं के संचालन और मेरठ में स्थानीय ट्रांजिट सेवाएं के लिए ट्रेनसेट शामिल हैं।
''180 किमी प्रति घंटे की गति वाली ट्रेनें हर 5-10 मिनट में उपलब्ध होंगी''
आरआरटीएस अपनी तरह की पहली प्रणाली है जिसमें 180 किमी प्रति घंटे की गति वाली ट्रेनें हर 5-10 मिनट में उपलब्ध होंगी और लगभग एक घंटे में लगभग 100 किमी की दूरी तय करेंगी। बता दें कि एनसीआरटीसी ने एनसीआर में विभिन्न सार्वजनिक परिवहन प्रणालियों को मूल रूप से जोड़कर एक विशाल नेटवर्क बनाने की पहल की है। आरआरटीएस स्टेशनों का जहां भी संभव हो, मेट्रो स्टेशनों, रेलवे स्टेशनों, बस डिपो के साथ सहज एकीकरण होगा। आरआरटीएस राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में लोगों और स्थानों को करीब लाएगा और इस क्षेत्र के सतत और संतुलित विकास को सक्षम करेगा।