- दिल्ली का शाहीन बाग धरना स्थल खाली
- कोरोना वायरस के चलते दिल्ली में लॉकडाउन है
- शाहीन बाग में महिलाएं पिछले 100 दिनों से धरने पर बैठी थीं
नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में दिल्ली के शाहीन बाग में बैठे प्रदर्शनकारियों को हटा दिया गया है। भारी पुलिस बल की तैनाती के बीच इस सड़क पर लगा टेंट भी हटा दिया गया है। पुलिस की कार्रवाई के दौरान लोगों ने प्रदर्शन किया। पुलिस ने जानकारी दी कि प्रदर्शनकारियों को हटाने के बाद वहां से टेंट को उखाड़ दिया गया है। कुछ को हिरासत में भी लिया गया। शाहीन बाग में महिलाएं पिछले 100 दिनों से प्रदर्शन कर रही थीं। कोरोना वायरस की वजह से दिल्ली समेत भारत के ज्यादा राज्यों में लॉकडाउन है।
ज्वांइट सीपी देवेश श्रीवास्तव ने कहा, 'कोरोना वायरस के बढ़ने के कारण लोगों से अपील की जा रही थी। लोकल भी हमसे मांग कर रहे थे। आज सुबह हमने इस कार्रवाई की शुरुआत की सात बजे। शुरुआत में कुछ शरारती तत्व माहौल को बिगाड़ना चाहते थे। वे नहीं माने, तो उन्हें हिरासत में लिया गया है।' श्रीवास्तव ने बताया कि करीब 10 से 12 लोगों को हिरासत में लिया गया है। उन्होंने कहा कि हमारा मकसद इलाके में शांति बहाल करना है। कोरोना को लेकर सख्त आदेश थे कि भीड़ जमा न हो। बता दें कि कोरोना वायरस के मद्देनजर दिल्ली में धारा 144 लागू है।
पुलिस की घरों में रहने की अपील
दिल्ली पुलिस ने तेजी से फैलते कोरोना वायरस पर लगाम लगाने के लिए सोमवार को लोगों से घरों में रहने और आपात स्थिति में ही बाहर निकलने की अपील की थी। दिल्ली में 31 मार्च की मध्य रात्रि तक के लिए लॉकडाउन लागू है। दिल्ली पुलिस ने कोरोना वायरस के प्रकोप के मद्देनजर राष्ट्रीय राजधानी में सीआरपीसी की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर रखी है, जिसके तहत प्रदर्शन और सभाओं पर रोक है।
धारा 144 के तहत चार या इससे अधिक लोगों के एक साथ जमा होने पर रोक है। सोशल मीडिया के अलावा पुलिस लाउडस्पीकरों के जरिए भी लोगों से सामाजिक दूरी बनाए रखने का अनुरोध कर रही है। संयुक्त पुलिस आयुक्त (यातायात) नरेंद्र बुंदेला ने कहा कि दिल्ली पुलिस ने सरकार के निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करके जनता को सुरक्षित रखने के लिए कड़ी चौकसी शुरू की है।