- चीन के साथ गतिरोध के मुद्दे पर विदेश मंत्री ने कहा कि दोनों देशों के बीच बातचीत जारी है
- हालांकि उन्होंने पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर मौजूदा हालात के बारे में विस्तृत जानकारी नहीं दी
- विदेश मंत्री ने कहा कि जो भी अभी चल रहा है, उस बारे में वह टिप्पणी नहीं करना चाहते
नई दिल्ली : चीन से तनाव के बीच विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने गुरुवार को कहा कि बातचीत जारी है। लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर हालात के बारे में पूछे जाने पर जयशंकर ने कहा कि कार्य प्रगति पर है। उनसे जब पूछा गया कि दोनों देशों के बीच क्या बातचीत हो रही है तो विदेश मंत्री ने यह कहते हुए इस बारे में विस्तृत जानकारी देने से इनकार कर दिया कि यह भारत और चीन के बीच की गोपनीय बात है।
विदेश मंत्री की यह टिप्पणी एक कार्यक्रम के दौरान आई, जहां उनसे भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर जारी गतिरोध के बीच मौजूदा स्थिति के बारे में पूछा गया था। उन्होंने कहा कि जो कुछ भी अभी चल रहा है, उस बारे में वह कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते। विदेश मंत्री ने कहा, 'यह मेरे काम करने का पहला नियम है कि जो अभी चल रहा है, उस बारे में पहले कुछ भी नहीं कहें।'
लद्दाख पर चीन को जवाब
इससे पहले विदेश मंत्रालय ने लद्दाख को लेकर चीन की टिप्पणी को लेकर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख देश के अभिन्न हिस्से 'रहे हैं, हैं और रहेंगे' और चीन को भारत के आंतरिक मामलों में टिप्पणी करने का कोई अधिकार नहीं है। विदेश मंत्रालय की यह प्रतिक्रिया चीन की उस टिप्पणी के बाद आई, जिसमें उसने कहा था कि वह लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश को मान्यता नहीं देता।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, 'हमें उम्मीद है कि देश भारत के भारत अपने आंतरिक मामलों में किसी भी दे पर टिप्पणी नहीं करेंगे जैसा कि वे दूसरों से अपेक्षा करते हैं। जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के साथ अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न हिस्सा है। हमारा रुख कई बार स्पष्ट किया जा चुका है। चीनी पक्ष को सर्वोच्च स्तर तक कई बार स्पष्ट रूप से यह बात बताई गई है।'