- एलएसी के गोगरा इलाके में भारत और चीन ने अपने सैनिक पीछे बुलाए
- शीर्ष कमांडर स्तर की 12वीं दौर की वार्ता के बाद सैनिक पीछे हटे हैं
- गलवान घाटी की हिंसा के बाद दोनों देशों के बीच रिश्ते काफी तल्ख हो गए थे
नई दिल्ली : वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर तनाव कम करने की दिशा में भारत और चीन की तरफ से बड़ी पहल हुई है। दोनों देशों ने बातचीत के बाद बनी सहमति के अनुरूप पूर्वी लद्दाख के लंबित मुद्दों का हल निकालना शुरू कर दिया है। पूर्वी लद्दाख में गोगरा हाइट्स से दोनों देशों ने अपने सैनिक पीछे हटाने शुरू कर दिए हैं। भारतीय सेना ने अपने एक बयान में कहा है कि सैनिकों को पीछे हटाने की यह प्रक्रिया 4-5 अगस्त को हुई। अब दोनों ही पक्ष अपने पहले के स्थायी बेस कैंप पर हैं।
देश की संप्रभुता की सुरक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध-सेना
सेना ने कहा कि गतिरोध वाले एक संवेदनशील जगह का समाधान हो गया है। सेना के मुताबिक दोनों देशों ने बातचीत आगे ले जाने और पश्चिमी सेक्टर में एलएसी के पास लंबित मुद्दों का हल निकालने की प्रतिबद्धता जाहिर की है। सेना ने कहा वह आईटीबीपी के साथ मिलकर देश की संप्रभुता की सुरक्षा करने और पश्चिमी सेक्टर में एलएसी पर शांति एवं सद्भाव कायम रखने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।
कमांडरों के बीच हुई वार्ता के बाद उठाया कदम
पूर्वी लद्दाख में सैनिकों की पीछे हटाने की यह घटना दोनों देशों के शीर्ष कमांडरों के बीच 12वीं दौर की वार्ता के बाद हुई है। सैनिक पीपी-17 प्वाइंट से पीछे हटे हैं। आने वाले दिनों में दोनों देश गतिरोध के अन्य स्थलों से भी अपनी सेना पीछे बुला सकते हैं। हॉट स्प्रिंग, गोगरा हाइट्स इलाके में चीन पीछे हटने से आना-कानी कर रहा था लेकिन भारत की लगातार बातचीत एवं कूटनीति का असर उस पर हुआ है।
डेमचोक सेक्टर में भी है विवाद
गोगरा इलाके में पीपी-15 प्वाइंट को लेकर दोनों देशों के अपने-अपने दावे हैं। डेमचोक सेक्टर में भी विवाद है। गलवान घाटी की घटना के बाद एलएसी पर दोनों देशों के सैनिक आमने-सामने आ गए। इससे सीमा पर तनाव काफी बढ़ गया। गतिरोध दूर करने के लिए भारत और चीन के बीच सैन्य एवं कूटनीतिक स्तर पर वार्ता का दौर शुरू हुआ। शीर्ष कमांडर स्तर की 12वीं दौर की वार्ता के बाद गोगरा इलाके में डिसएंगेजमेंट की यह प्रक्रिया शुरू हुई है।