नई दिल्ली: चंडीगढ़-मोहाली सीमा पर बैरिकेड्स तोड़कर पंजाब के गवर्नर हाउस की ओर मार्च करने की कोशिश कर रहे किसानों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने शनिवार को वाटर कैनन का इस्तेमाल किया। विरोध कर रहे किसानों में से एक वाटर कैनन वाहन के ऊपर चढ़ गया। अधिकारियों ने कहा कि किसानों द्वारा राज्यपाल के आवास की ओर मार्च करने और केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ अपने आंदोलन के सात महीने पूरे होने के उपलक्ष्य में एक ज्ञापन सौंपने के लिए चंडीगढ़ में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है।
पंजाब राजभवन की ओर बढ़ने से पहले पंजाब के कई हिस्सों से बड़ी संख्या में किसान मोहाली के अम्ब साहिब गुरुद्वारे में जमा हुए। इसी तरह, हरियाणा में राज्य के कई हिस्सों से किसान पंचकूला के नाडा साहिब गुरुद्वारे में एकत्र हुए और राजभवन की ओर चल पड़े। किसानों के विरोध मार्च को देखते हुए हरियाणा पुलिस ने चंडीगढ़-पंचकूला बॉर्डर पर सुरक्षा के इंतजाम किए हैं।
पंजाब में किसान मजदूर संघर्ष कमेटी ने कृषि कानूनों के खिलाफ अमृतसर में जिला प्रशासनिक परिसर के बाहर प्रदर्शन किया। किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के महासचिव ने बताया, 'हम आज पंजाब के जिला हेडक्वार्टरों में रोष मार्च करेंगे और राज्यपाल, राष्ट्रपति के नाम का मांग पत्र DC दफ्तर को देंगे।'
दिल्ली पुलिस ने सीमाओं पर सुरक्षा कड़ी की
वहीं गाजीपुर बॉर्डर से भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि अगर हमारे लोगों को उपराज्यपाल से मिलने नहीं दिया गया तो हम दिल्ली कूच करेंगे। हम कैसे जाएंगे इस पर हम अभी बैठक कर रहे हैं। हम उपराज्यपाल के पास जाएंगे। दिल्ली पुलिस ने किसानों के विरोध मार्च करने की आशंका के मद्देनजर राष्ट्रीय राजधानी की सीमाओं पर सुरक्षा इंतजाम शनिवार को कड़े कर दिए। दिल्ली मेट्रो ने शनिवार को चार घंटों के लिए येलो लाइन पर अपने तीन मुख्य स्टेशनों का बंद करने का फैसला किया है। डीएमआरसी ने शुक्रवार रात को ट्वीट किया, 'दिल्ली पुलिस की सलाह पर सुरक्षा वजहों के मद्देनजर येलो लाइन पर तीन मेट्रो स्टेशन विश्वविद्यालय, सिविल लाइंस और विधानसभा शनिवार को सुबह दस बजे से दोपहर दो बजे तक जनता के लिए बंद रहेंगे।'
ये है किसानों की मांग
दिल्ली और हरियाणा के बीच सिंघु बॉर्डर पर आंदोलन शुरू करने के बाद से शनिवार को किसानों के प्रदर्शन को सात महीने पूरे हो गए। राष्ट्रीय राजधानी की दो और सीमाओं टीकरी और गाजीपुर में भी किसानों ने डेरा डाला हुआ है। प्रदर्शन कर रहे किसानों ने केंद्र के नए कृषि कानूनों को वापस लेने और उनकी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी देने वाला एक नया कानून बनाने की मांग की है।