- पहले विश्व युद्ध में शहीद होने वाले भारतीय जवानों की याद में हुआ इंडिया गेट का निर्माण
- साल 1971 में युद्ध में शहीद हुए भारतीय जवानों की याद में जलाई गई अमर जवान ज्योति
- अब अमर जवान ज्योति का विलय नेशनल वॉर मेमोरियल की ज्योति में कर दिया जाएगा
नई दिल्ली : बीते 50 सालों से इंडिया गेट पर शहीदों को नमन करने वाली अमर जवान ज्योति का विलय नेशनल वॉर मेमोरियल की ज्योति में किया जा रहा है। इस पर राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है। कांग्रेस सरकार पर हमलावर है। कांग्रेस के कई नेताओं ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि वह इतिहास को बदलने की कोशिश कर रही है। हालांकि, सरकार का कहना है कि वह अमर जवान ज्योति को बुझा नहीं रही बल्कि उसे नेशनल वॉर मेमोरियल पर शिफ्ट किया जा रहा है।
कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने टाइम्स नाउ नवभारत के साथ बातचीत में कहा कि अमर जवान ज्योति को नमन करके हम बड़े हुए हैं। सरकार क्या करना चाहती है? ये राष्ट्रीय आपदा है। राष्ट्रपति को इसमें हस्तक्षेप करना चाहिए क्योंकि वह तीनों सेना के प्रमुख हैं। दो अमर जवान ज्योति क्यों नहीं हो सकते? भारत में कई जगह वॉर मेमोरियल हैं, ये क्या तर्क है? अमर जवान ज्योति पर 3490 शहीद को श्रद्धांजलि दिया जाता है।
यह बहुत बड़ा अवसर-सेना के पूर्व डीजीएमओ
सेना के पूर्व डीजीएमओ एवं लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) विनोद भाटिया ने कहा कि इंडिया गेट पर जल रही अमर जवान ज्योति को नेशनल वॉर मेमोरियल में विलय किया जाना बहुत बड़ा अवसर है।
सरकार की इस नई पहल पर विपक्ष हमलावर है। काग्रेस नेता राहुल गांधी, मनीष तिवारी और शशि थरूर ने सरकार पर निशाना साधा है। इन नेताओं का कहना है कि सरकार वीर जवानों के देशप्रेम एवं बलिदान को समझ नहीं रही।
कांग्रेस नेता थरूर ने कहा कि लोकतांत्रिक परंपराओं के लिए इस सरकार में कोई सम्मान नहीं है। अमर जवान ज्योति से 50 सालों में जो हासिल किया गया उसे खत्म किया जा रहा है।
पीएम मोदी ने 2019 में किया राष्ट्रीय युद्ध स्मारक का उद्घाटन
रिपोर्टों में सरकारी सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि देश की सेवा करते हुए अलग-अलग युद्धों एवं संघर्षों में अपने प्राण की आहुति देने वाले सभी जवानों को श्रद्धांजलि देने के लिए पहले देश में कोई युद्ध स्मारक नहीं था। लेकिन अब इन शहीद एवं वीर जवानों को समर्पित एक राष्ट्रीय युद्ध स्मारक है। इस युद्ध स्मारक में अमर जवान ज्योति का विलय होगा। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फरवरी 2019 में राष्ट्रीय युद्ध स्मारक का उद्घाटन किया। सूत्रों का कहना है कि अमर ज्वान ज्योति का राष्ट्रीय युद्ध स्मारक की ज्योति में विलय होने के बाद शहीद जवानों को एक स्थान पर श्रद्धांजलि और उनके पराक्रम को याद किया जा सकेगा।
1971 युद्ध के शहीदों की याद में जली अमर जवान ज्योति
साल 1971 के युद्ध में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि देने एवं उनके शौर्य को याद करने के लिए इंडिया गेट पर अमर ज्योति जलाई गई। इसका उद्धाटन तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने किया। पहले विश्व युद्ध में भारतीय सैनिकों की शहादत एवं उनके शौर्य को सलामी देने के लिए साल 1921 में इंडिया गेट का निर्माण हुआ। यहां साल 1972 से अमर जवान ज्योति जलाने की परंपरा शुरू हुई।
अब राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर दी जाएगी श्रद्धांजलि
इंडिया गेट पर जलने वाली अमर जवान ज्योति, राष्ट्रीय युद्ध स्मारक से करीब 400 मीटर की दूरी पर है। शुक्रवार को एक सैन्य समारोह के बाद अमर जवान ज्योति का एक हिस्सा नेशनल वॉर मेमोरियल ले जाया जाएगा। इसके बाद अमर जवान ज्योति बुझा दी जाएगी। राष्ट्रीय युद्ध स्मारक का निर्माण 40 एकड़ में हुआ है। देश की आजादी के बाद हुए युद्धों एवं संघर्षों में शहीद होने वाले 26,000 से ज्यादा जवानों के नाम इस पर हैं। गणतंत्र दिवस परेड से पहले प्रधानमंत्री और तीनों सेनाओं के प्रमुख यहां शहीद जवानों को श्रद्धांजलि देते हैं।