नई दिल्ली : दिल्ली पुलिस ने जेएनयू के पूर्व छात्र शरजील इमाम के खिलाफ देशद्रोह का आरोप लगाया है। पुलिस ने उसके कथित भड़काऊ भाषण को लेकर शनिवार को कोर्ट में चार्जशीट दायर की, जिसमें कहा गया है कि उसके बयान से लोगों के बीच वैमनस्य बढ़ा और इसी की वजह से जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी इलाके में दंगे भड़के।
सीएए के खिलाफ भड़का था दंगा
पुलिस ने चार्जशीट में कहा है कि पिछले साल 15 दिसंबर को नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ जामिया के छात्रों की ओर से आयोजित विरोध मार्च के बाद बड़े दंगे हुए। भीड़ ने बड़े पैमाने पर तोड़फोड़, पथराव और आगजनी की, जिसमें सार्वजनिक और निजी संपत्तियों को व्यापक नुकसान हुआ। इस दौरान कई पुलिसकर्मियों और आम लोगों को भी चोट आई।
पुलिस ने लगाया देशद्रोह का आरोप
इस सिलसिले में न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी और जामिया नगर थाने में मामले दर्ज किए गए थे। न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी मामले में शरजील को 13 दिसंबर, 2019 के उसके भड़काऊ भाषण भाषण को लेकर गिरफ्तार किया। जांच के दौरान जो साक्ष्य जुटाए गए हैं, उसके आधार पर इस सिलसिले में आईपीसी की धारा 124ए (देशद्रोह) और 153 ए (विभिन्न समुदायों के बीच वैमन्य को बढ़ावा देना) के तहत केस दर्ज किया गया।
बिहार से हुई थी गिरफ्तारी
इससे पहले पुलिस ने एसआईटी द्वारा गिरफ्तार दंगाइयों के खिलाफ आरोप-पत्र दायर किया था और कहा था कि इस मामले में जांच जारी है। शरजील को 28 जनवरी को बिहार के जहानाबाद से गिरफ्तार किया गया था। वह शाहीन बाग में सीएए के खिलाफ प्रदर्शन के आयोजकों में से एक था, लेकिन वह सुर्खियों में तब आया जब अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में कुछ लोगों के समक्ष उसका एक विवादास्पद भाषणा सामने आया।
असम को लिया था बयान
शरजील के भाषण का वीडियो सामने आने के बाद पुलिस ने उसके खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया था। पुलिस ने उसके खिलाफ जामिया परिसर में भड़काऊ भाषण देने को लेकर भी केस दर्ज किया था। उसके खिलाफ असम में भी आतंकवाद निरोधक कानून के तहत एक अन्य केस दर्ज किया गया था। सीएए के खिलाफ अपने भाषण में उसने असम और पूर्वोत्तर के अन्य राज्यों को देश के बाकी अलग करने की बात कही थी। उसके खिलाफ मणिपुर और अरुणाचल प्रदेश में के दर्ज किया गया था।