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गांधी परिवार पर नरम हुआ G-23! पद्म भूषण मिलने पर सोनिया गांधी ने आजाद को दी बधाई

रंजीता झा | SPECIAL CORRESPONDENT
Updated Mar 22, 2022 | 13:36 IST

Sonia Gandhi News : कांग्रेस अध्यक्ष पद्म भूषण अवार्ड कार्यक्रम में नजर नहीं आईं जिससे ये कयासबाजी तेज थी कि पार्टी हाईकमान की इसमें रजामंदी नहीं है। इस बात को 2019 के एक किस्से से और हवा मिली

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तस्वीर साभार:&nbspPTI
पद्म भूषण मिलने पर सोनिया गांधी ने गुलाम नबी आजाद को बधाई दी है।

पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव हारने के बाद पार्टी में बढ़ रहे असंतोष को दूर करने के लिए गांधी परिवार सक्रिय हो गया है। इसकी कमान खुद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने उठा ली है। पिछले कुछ दिनों से सोनिया गांधी की तरफ से G-23 के नेताओं को पॉजिटिव संकेत दिए जा रहे हैं। उन्होंने होली के दिन गुलाम नबी आजाद को न सिर्फ मिलने के बुला लिया, बल्कि सोमवार को आजाद को जब पद्म भूषण सम्मान से मोदी सरकार ने सम्मानित किया तो सोनिया गांधी ने खुद आजाद को फोन कर बधाई दी।

सोनिया के नहीं आने पर लगने लगीं अकटलें
हालांकि सोनिया गांधी जब राष्ट्रपति भवन में आयोजित कार्यक्रम शामिल नहीं हुई तो अटकलों का बाजार गर्म हो गया। कुछ लोगों ने तो यहां तक कह दिया कि इस सम्मान को लेकर सोनिया गांधी की सहमति नहीं है। लेकिन देर शाम जब सोनिया ने फोन कर आजाद को बधाई दी तो संशय दूर हो गया।

2019 के किस्से से अटकल को हवा मिली
दरअसल, कांग्रेस अध्यक्ष पद्म भूषण अवार्ड कार्यक्रम में नजर नहीं आईं जिससे ये कयासबाजी तेज थी कि पार्टी हाईकमान की इसमें रजामंदी नहीं है। इस बात को 2019 के एक किस्से से और हवा मिली। दरअसल, पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को जब भारत रत्न से नवाजा गया उस वक्त कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और सोनिया गांधी कार्यक्रम से नदारद रहे थे। यह वो वक्त था जब प्रणब मुखर्जी ने नागपुर में संघ के कार्यक्रम में हिस्सा लिया था और भाषण भी दिया था।

सार्वजनिक कार्यक्रमों से दूर रहती हैं सोनिया
पिछले कुछ समय से कॉविड और स्वास्थ्य का हवाला देते हुए सोनिया गांधी सार्वजनिक कार्यक्रमों से दूर ही रहती हैं। पार्टी की तरफ से भी ये कहा गया है की बहुत जरूरी कार्यक्रम या फिर संसद की कार्यवाही में भाग लेने ही वो बाहर निकलती हैं।

रमेश ने आजाद पर साधा था निशाना
हाल के दिनों में कांग्रेस का एक धड़ा आजाद पर लगातार निशाना साधता रहा है। जयराम रमेश ने बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेब भट्टाचार्जी के अवार्ड वापसी पर तारीफ करते हुए ट्वीट किया था। जयराम रमेश ने कि कहा कि 'उन्होंने सही किया, क्योंकि वह आजाद रहना चाहते हैं गुलाम नहीं'। उसके बाद से ही पद्म भूषण अवॉर्ड को लेकर कांग्रेस के बीच छींटाकशी शुरू हो गई थी।

इशारों-इशारों में आजाद ने दिया जवाब
गुलाम नबी आजाद ने जयराम के आरोपों का तो जवाब नही दिया लेकिन इशारों-इशारों में कहा कि 'कुछ नेता कुएं के मेंढक होते हैं, जिन्हे पता नहीं पार्टी का इतिहास क्या है और उनके सहयोगियों का इतिहास क्या है? यह देश का अवार्ड है किसी पार्टी का नहीं।

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